नक्सलियों के पास एसपी के मूवमेंट की सटीक सूचना थी!
रांची: दुमका के काठीकुंड से पांच किमी दूर अमतल्ला के पास नक्सली हमले में शहीद हुए पाकुड़ एसपी अमरजीत बलिहार का बुधवार को दफन संस्कार कर दिया गया. शहीद पांच अन्य जवानों के शव भी उनके पैतृक गांव भेज दिये गये. इस बीच पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. डीआइजी की ओर […]
रांची: दुमका के काठीकुंड से पांच किमी दूर अमतल्ला के पास नक्सली हमले में शहीद हुए पाकुड़ एसपी अमरजीत बलिहार का बुधवार को दफन संस्कार कर दिया गया. शहीद पांच अन्य जवानों के शव भी उनके पैतृक गांव भेज दिये गये. इस बीच पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. डीआइजी की ओर से बुलायी गयी बैठक में शामिल होने पाकुड़ एसपी के दुमका जाने और फिर पाकुड़ लौटने की सटीक सूचना नक्सलियों के पास थी. डीआइजी प्रिया दुबे ने चार्ज लेने के बाद संताल परगना के सभी एसपी के साथ पहली बार बैठक बुलायी थी.
इसकी सूचना पूर्णत: गोपनीय रखी गयी थी. सिर्फ सारे एसपी को मैसेज दिया गया था कि दुमका में मंगलवार को बैठक है. इससे संबंधित खबर किसी अखबार या न्यूज चैनल ने भी प्रकाशित/ प्रसारित नहीं किया था. इसके बाद भी नक्सलियों तक इस बैठक की सूचना पहुंच गयी. इससे नक्सलियों ने पूरी प्लानिंग की और बड़ी घटना को अंजाम देने में सफल रहे.
हर मूवमेंट की सूचना थी
नक्सलियों ने हमले की योजना पहले ही बना ली थी. दुमका से घटनास्थल की दूरी मात्र 30 किमी है. इस दूरी को तय करने में करीब 40 मिनट का समय लगता है. इतने कम समय में एसपी के काफिले पर हमले की तैयारी करना नक्सलियों के लिए संभव नहीं लग रहा है. दुमका-पाकुड़ मार्ग पर वाहनों का आना-जाना अधिक रहता है. ऐसे में बिना नंबर की स्कॉरपियो गाड़ी ( इसी में एसपी सवार थे) को घेर लेने का मतलब यह निकाला जा रहा है कि नक्सलियों को एसपी के हर मूवमेंट की सूचना थी. पुलिस के सीनियर अफसर भी इस बात से सहमत हैं.
डीआइजी प्रिया दुबे ने बताया : नक्सलियों के पास एसपी के लौटने की सूचना थी. नक्सलियों ने निश्चित रूप से पहले से तैयारी कर रखी थी. कई सूचनाएं मिली हैं, जिनकी जांच की जा रही है. दुमका एसपी निर्मल कुमार के अनुसार, एसपी के वाहन की हर सूचना निश्चित रूप से नक्सलियों तक पहुंच रही थी. कोई था, जो ऐसा कर रहा था.
यूनिफॉर्म में थे एसपी व सभी जवान
दुमका के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि एसपी के वाहन और उनकी पहचान की एक और वजह हो सकती है. पूर्व में होनेवाली बैठकों में अधिकारी यूनिफॉर्म में नहीं आते थे. पर इस बार एसपी अमरजीत बलिहार और सारे जवान यूनिफॉर्म में थे. यह भी पहचान का एक कारण हो सकता है.
शहीद होने से पहले एसपी ने किया था अमड़ापाड़ा थाना प्रभारी को फोन, कहा था मिंज, फंस गये हैं, जल्दी आओ काठीकुंड (दुमका) : अमड़ापाड़ा थाना प्रभारी रंजीत कुमार मिंज के कानों में पाकुड़ एसपी अमरजीत बलिहार के अंतिम बोल अब भी गूंज रहे हैं. मंगलवार को दुमका में प्रक्षेत्रीय समीक्षा बैठक से लौटने के क्रम में काठीकुंड थाना क्षेत्र के अमतल्ला गांव के पास नक्सली हमले के दौरान ही एसपी अमरजीत बलिहार ने पुलिस बल मंगाने के लिए अमड़ापाड़ा थाना प्रभारी रंजीत मिंज को मंगलवार दिन के 2.32 बजे फोन किया था.
वह फोन पर इतना ही कह पाये थे कि मिंज! फंस गये हैं, जल्दी आओ. श्री मिंज के मोबाइल पर उनके कुल दो कॉल आये थे, लेकिन ज्यादा कुछ वह कह नहीं पाये. रंजीत मिंज ने बताया कि कॉल आने के तुरंत बाद वह अमड़ापाड़ा से काठीकुंड की ओर रवाना हो गये. अमड़ापाड़ा से घटनास्थल की दूरी लगभग तीस किमी थी, लिहाजा उन्हें पहुंचने में लगभग चालीस मिनट का वक्त लग गया. पीछे से गोपीकांदर-पाकुड़िया पुलिस भी पहुंची. श्री मिंज ने कहा : जब हम पहुंचे, तो एसपी साहब का शव पुलिया के बगल में एक गड्ढे में था. खून से लथपथ वह गिरे पड़े थे. जवानों के शव गाड़ी में ही थे. सबकुछ खत्म हो चुका था.