पेरिस समझौते में पूरी तरह परीलक्षित हो अनुकूलन का मुद्दा: भारत

लीमा (पेरू). भारत ने बुधवार को जलवायु सम्मेलन में मांग की कि पेरिस में अगले साल जिस नये जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने हैं, उसमें जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन के मुद्दे को पूरी जगह मिलनी चाहिए. भारत की यह भी मांग है कि विकासशील देश सतत वृद्धि हासिल करने के लिए खनिज ईंधन के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2014 8:01 PM

लीमा (पेरू). भारत ने बुधवार को जलवायु सम्मेलन में मांग की कि पेरिस में अगले साल जिस नये जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने हैं, उसमें जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन के मुद्दे को पूरी जगह मिलनी चाहिए. भारत की यह भी मांग है कि विकासशील देश सतत वृद्धि हासिल करने के लिए खनिज ईंधन के इस्तेमाल का पर्याप्त मौका मिलना चाहिए. पेरू की राजधानी लीमा में चल रहे शिखर सम्मेलन में अगले साल के जलवायु परिवर्तन संंबंधी समझौते को लेकर बातचीत अंतिम दिन महत्वपूर्ण चरण में पहुंच गयी है. पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा,’नये 2020-बाद के समझौैते में कार्बन उत्सर्जन में कमी व अनुकूलन के बीच संतुलन सुनिश्चित किया जाये. वे यहां जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी) के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. कहा, अगर विकसित देश वर्ष 2020-पूर्व के दौर में और अधिक महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धता नहीं दिखाते हैं तो विकासशील देशों सतत विकास के लिए खनिज ईंधन के इस्तेमाल का पर्याप्त मौका नहीं मिलेगा.

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