रांची: राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) कर्मियों की हड़ताल के कारण राज्य में टीकाकरण का कार्य नहीं हुआ. गौरतलब है कि गुरुवार को माता व शिशु टीकाकरण किया जाता है. सभी सिविल सजर्न कार्यालयों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) व स्वास्थ्य उप केंद्रों पर अनुबंध कर्मियों ने कार्य का बहिष्कार किया.
इससे अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रभावित रही. राज्य भर की कुल 41 हजार सहिया भी एनआरएचएम अनुबंध कर्मचारी संघ के तत्वावधान में तीन जुलाई से शुरू इस हड़ताल का समर्थन कर रही हैं.
सहिया सहित कुल 62 हजार पारा मेडिकल स्टाफ, एएनएम, मल्टीपरपस वर्कर, एक्स-रे व लैब टेक्निशियन के काम नहीं करने से आने वाले दिनों में विकट स्थिति उत्पन्न हो सकती है. हालांकि संघ ने आवश्यक सेवाओं को हड़ताल से मुक्त रखा है. कार्य बहिष्कार के दूसरे दिन भी अनुबंध कर्मियों ने आरसीएच परिसर पहुंच कर नारेबाजी की व कार्यालय बंद करा दिये. विभागीय सचिव व एनआरएचएम के अभियान निदेशक के शहर से बाहर (श्रीनगर में) रहने के कारण मामले को सुलझाने वाला कोई नहीं है. गुरुवार को निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं डॉ प्रवीण चंद्र असहाय के खिलाफ भी नारेबाजी हुई.
संघ अध्यक्ष राहुल प्रताप सिंह की बर्खास्तगी वापस नहीं होने के विरोध में तथा अपनी मांगों के समर्थन में पांच जुलाई को राज्य भर के अनुबंध कर्मियों को रांची पहुंचने व आरसीएच परिसर, नामकुम में विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया गया है. संघ का कहना है कि राजस्थान व बिहार जैसे राज्यों में अनुबंध कर्मियों को बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं.