खरमास पूर्व 53 संपत्तियों की रजिस्ट्री

रांची: 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो रहा है. सोमवार को रजिस्ट्री ऑफिस में अधिक भीड़ रही. आम दिनों की तुलना में सोमवार को ज्यादा रजिस्ट्री हुई. कुल 53 रजिस्ट्री हुई है. इनमें फ्लैट का 05 व जमीन की 48 रजिस्ट्री हुई है. आम दिनों में मात्र 20 से 25 रजिस्ट्री ही होती है. बताया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2014 1:06 AM

रांची: 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो रहा है. सोमवार को रजिस्ट्री ऑफिस में अधिक भीड़ रही. आम दिनों की तुलना में सोमवार को ज्यादा रजिस्ट्री हुई. कुल 53 रजिस्ट्री हुई है. इनमें फ्लैट का 05 व जमीन की 48 रजिस्ट्री हुई है. आम दिनों में मात्र 20 से 25 रजिस्ट्री ही होती है. बताया गया कि सुबह दस बजे से ही रजिस्ट्री कराने वालों की भीड़ रही. यही नहीं, शादी करनेवाले जोड़े भी पीछे नहीं रहे. आज सुबह छह जोड़ों की शादी हुई. जबकि, 12 जोड़ों ने शादी के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाया. आम दिनों में नयी शादियों का औसत पांच थी. खरमास के मद्देनजर सोमवार को अधिक लोगों ने रजिस्ट्री करायी.

खरमास में शुभ कार्य वर्जित क्यों

डॉ एनके बेरा

16 दिसंबर से 15 जनवरी तक कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, सगाई, नयी कार खरीदना, नया व्यापार या उद्योग प्रारंभ करना, नया मकान बनाना, नया प्लॉट आदि खरीदने का कार्य नहीं किया जा सकता. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन दिनों अर्थात खरमास में सर्व कार्येषु वर्जित:.

16 दिसंबर को सूर्य सायं 5.32 मिनट में धनु राशि में प्रवेश करेंगे. इसे धनु संक्रांति कहा जाता है. धनु राशि के स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं जो देवताओं के भी गुरु हैं. धनु संपन्नता, समृद्धि, खुशी की राशि है. धनु राशि में सूर्य का प्रवेश होने से खुशी में आग लग जाती है. देवगुरु बृहस्पति संतान के कारक हैं. गुरु विवाह करवाते हैं, बृहस्पति ही धन देने वाले हैं. मनुष्य में विवाह के साथ ही संतानोत्पत्ति व उसकी शिक्षा का कार्य भी बृहस्पति करते हैं. बृहस्पति के घर में सूर्य का प्रवेश करने से मानसिक चंचलता, क्रोध, रोग, बीमारी से परेशानी होती है. सूर्य के चारों ओर सारे ग्रहों सहित हमारी पृथ्वी भी चक्कर लगाती है. सूर्य किसी का चक्कर नहीं लगाता. हर पल गोचर बदल जाते हैं. चन्द्रमा सवा दो दिन में, मंगल 45 दिन में, बुध 20 से 25 दिन में, गुरु 13 महीने में, शुक्र 30 दिन में, राहु-केतु 18 महीने में और सूर्य एक माह में अपना घर बदल कर अगली राशि में प्रवेश करते हैं जिसे संक्रांति कहा जाता है. सूर्य के प्रकाश के सामने सभी ग्रहों का दिखाई देना बंद हो जाता हैं. इसलिए जब सूर्य गुरु की राशि धनु में आ जाते हैं तो गुरु से संबंधित सारे कार्य रुक जाते हैं. इसलिए धनु संक्रांति खरमास में सभी शुभ कार्य वर्जित किये गये हैं.

अगर हम खरमास में शुभ कार्य करते हैं तो हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. विवाह जैसा मांगलिक कार्य इस समय नहीं करना चाहिए. व्यापार आदि शुभ कार्य प्रारंभ करने से धन हानि, कर्ज, व्यापार बन्द होने की नौबत आती है. खरमास में व्यक्तिगत लाभ के लिए कोइ कार्य न करें. जो बीपी, मानसिक रोग, त्वचा रोग, हड्डियों के रोग से पीड़ित हैं उनको इस समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. खरमास में वृष, कर्क, कन्या, तुला, मकर राशि वाले वाहन आदि का प्रयोग सावधानी से करें. खरमास में पूजा, पाठ, जप-तप का अनुष्ठान करना चाहिए जिससे पारिवारिक जीवन में शांति बनी रहे.

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