ओके….एक शिक्षक के भरोसे है विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम

कचरे में पड़ा है बाल स्वास्थ्य कार्ड दो जनवरी को डॉ जगत भूषण ने किया था योगदान कभी भी नहीं गये अस्पताल फोटोनगरऊंटारी (गढ़वा).विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों की स्वास्थ्य जांच के प्रति विभाग गंभीर नहीं है. स्वास्थ्य जांच के लिए विद्यालय को उपलब्ध कराया जानेवाला बाल स्वास्थ्य कार्ड अनुमंडलीय अस्पताल में कचरों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2014 6:01 PM

कचरे में पड़ा है बाल स्वास्थ्य कार्ड दो जनवरी को डॉ जगत भूषण ने किया था योगदान कभी भी नहीं गये अस्पताल फोटोनगरऊंटारी (गढ़वा).विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों की स्वास्थ्य जांच के प्रति विभाग गंभीर नहीं है. स्वास्थ्य जांच के लिए विद्यालय को उपलब्ध कराया जानेवाला बाल स्वास्थ्य कार्ड अनुमंडलीय अस्पताल में कचरों में फेंक दिया गया है. जानकारी के अनुसार, रमना, विशुनपुरा व नगरऊंटारी प्रखंड में एक चिकित्सक के भरोसे विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम चल रहा है. प्रत्येक छह माह पर प्रत्येक बच्चों की स्वास्थ्य जांच एक बार की जानी है. अनुमंडलीय अस्पताल में इस कार्यक्रम के लिए दो जनवरी को डॉ जगत भूषण प्रसाद ने योगदान किया था. लेकिन वे योगदान के बाद कभी अस्पताल नहीं आये. उनकी अनुपस्थिति से कार्यक्रम फरवरी-माह तक प्रभावित रहा. इसके बाद पांच मार्च को डॉ संतोष प्रसाद को अनुबंध पर प्रतिनियुक्त किया गया. लेकिन अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सकों की कमी को देखते हुए प्रत्येक सप्ताह दो दिन मंगलवार व शुक्रवार को इनकी सेवा अनुमंडलीय अस्पताल में ही ली जाती है. करोड़ों खर्च के बाद भी बच्चों को लाभ नहीं : विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. इसके बाद भी इसका लाभ विद्यालय के बच्चों को नहीं मिल रहा है. बाल स्वास्थ्य कार्य का वितरण विद्यालयों में किया गया था, लेकिन अधिकांश विद्यालय में एक बार भी चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी नहीं गये.

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