जंगलों की नहीं दी जानकारी, सरकार पर लगा 10 हजार का जुर्माना
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कर रहा है मामले की सुनवाईमुख्य सचिव को दिया आदेश अनुपालन का निर्देशमामले की अगली सुनवाई छह जनवरी को होगीराणा प्रतापरांची : झारखंड में जंगलों व वन्य जीवों की स्थिति की अद्यतन जानकारी देने में विफल रहने पर राज्य सरकार को 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. मुख्य सचिव को अनुपालन […]
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कर रहा है मामले की सुनवाईमुख्य सचिव को दिया आदेश अनुपालन का निर्देशमामले की अगली सुनवाई छह जनवरी को होगीराणा प्रतापरांची : झारखंड में जंगलों व वन्य जीवों की स्थिति की अद्यतन जानकारी देने में विफल रहने पर राज्य सरकार को 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. मुख्य सचिव को अनुपालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा गया. मंगलवार को यह जुर्माना नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल इस्टर्न जोन के न्यायिक सदस्य प्रताप कुमार राय व विशेषज्ञ सदस्य पीसी मिश्रा की डबल बेंच द्वारा लगायी गयी है. ट्रिब्यूनल ने 26 नवंबर को सुनवाई के दौरान जंगल व वन्य जीवों से संबंधित स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के लिए राज्य सरकार को अंतिम मौका दिया था. रिपोर्ट दाखिल करने के बदले सरकार की ओर से आज और समय देने की मांग की गयी. इससे नाराज ट्रिब्यूनल ने यह कहते हुए जुर्माना लगाने का आदेश पारित कर दिया कि लास्ट चांस का क्या अर्थ होता है. राज्य सरकार को अब और समय नहीं दिया जा सकता है. जुर्माने की राशि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल बार एसोसिएशन इस्टर्न जोन कोलकाता के पास जमा कराने का निर्देश दिया. प्रार्थी की ओर से वन क्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह ने पक्ष रखा. मालूम हो कि झारखंड की पारिस्थितिकी, जंगलों व वन्य जीवों की सुरक्षा तथा विकास का मामला ग्रीन ट्रिब्यूनल में उठाया गया है. प्रार्थी राम लखन सिंह ने मानव संसाधन की कमी दूर करने के लिए भी ट्रिब्यूनल से आग्रह किया है.