जोन्हा फॉल में मौजूद हैं बौद्ध धर्म के कई चिह्न
फोटो- अनगड़ा1- पहाड़ को खोदकर उसके बीचों बीच बुद्घ के इस मंदीर का निर्माण कराया गया है।फोटो- अनगड़ा2- बौद्घ धम्म से संबंधित कई प्राचीन शिलालेख साक्षात है।फोटो- अनगड़ा3- जोन्हाफॉल का मनोरम दृश्य।अनगड़ा. रांची से करीब 38 किमी दूर जोन्हा फॉल में बौद्घ धर्म के कई चिह्न मौजूद हैं.जोन्हा फॉल की पहाड़ी पर भगवान गौतम बुद्घ […]
फोटो- अनगड़ा1- पहाड़ को खोदकर उसके बीचों बीच बुद्घ के इस मंदीर का निर्माण कराया गया है।फोटो- अनगड़ा2- बौद्घ धम्म से संबंधित कई प्राचीन शिलालेख साक्षात है।फोटो- अनगड़ा3- जोन्हाफॉल का मनोरम दृश्य।अनगड़ा. रांची से करीब 38 किमी दूर जोन्हा फॉल में बौद्घ धर्म के कई चिह्न मौजूद हैं.जोन्हा फॉल की पहाड़ी पर भगवान गौतम बुद्घ का एक प्राचीन मंदिर स्थित है. कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सैकड़ों वर्ष पूर्व राजा बलदेवदास बिड़ला ने कराया था. भगवान बुद्घ के इस मंदिर का निर्माण चट्टानों को खोद कर किया गया है. जोन्हा फॉल में बौद्घ धर्म से संबंधित कई प्राचीन शिलालेख साक्षात हैं. इन शिलालेखों में हिंदू व बौद्घ को आर्य धर्म की दो शाखाएं बतायी गयी है. ग्रामीण बताते हैं कि बिड़ला परिवार द्वारा बौद्घ धर्म के प्रचार प्रसार के दौरान जोन्हा फॉल में मुख्य मार्ग के किनारे मंदिर व धर्मशाला का भी निर्माण कराया गया था़ अभी उसके सुंदरीकरण का कार्य किया जा रहा है़ ग्रामीण यहां पूजा-अर्चना करते हैं. उनका मानना है कि भगवान गौतम बुद्घ कभी यहां आये होंगे. उनके नाम पर ही इस फॉल का नाम गौतमधारा पड़ा था़ गौतमधारा जोन्हा फॉल का ही पुराना नाम है़