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Ranchi News: रांची नगर निगम के 2300 सफाई कर्मचारी गए हड़ताल पर, जगह-जगह जमा हुआ कूड़े का अंबार

रांची के 2300 सफाईकर्मी हड़ताल में चले गए हैं. इस कारण से पहली बार सीएम हाउस और राजभवन से भी कचरा नहीं उठा.

Ranchi News : पांच सूत्री मांगों को लेकर नगर निगम के सफाई कर्मचारी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. इससे पूरे शहर की सफाई व्यवस्था बेपटरी हो गयी. सफाई कर्मियों के नहीं आने से लोगों ने घरों में जमा कचरे को सड़कों पर ही जहां-तहां फेंक दिया. इधर हड़ताल पर गये कर्मियों से प्रशासक संदीप सिंह की वार्ता बेनतीजा रही. सफाई कर्मियों के हड़ताल पर जाने के असर का अनुमान इससे भी लगाया जा सकता है कि राज्य गठन के बाद पहली बार सीएम हाउस और राजभवन से भी कचरे का उठाव नहीं हुआ.

सड़कों पर लगा कचरे का अंबार

रांची नगर निगम सफाई मजदूर संघ के बैनर तले सभी सफाईकर्मी नागाबाबा खटाल स्थित वेजिटेबल मार्केट में जुटे. यहां सफाई कर्मियों के साथ ड्राइवर और सुपरवाइजर भी धरना पर बैठे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ के अध्यक्ष दयानंद यादव ने कहा की हमारी मांगें जायज हैं. ऐसे में जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, हमारी हड़ताल जारी रहेगी.

600 टन कचरे का नहीं हुआ उठाव

रांची नगर निगम के कर्मी शहर के 2.40 लाख घरों से हर दिन 600 टन कचरे का उठाव करते हैं. लेकिन सोमवार को कचरे का उठाव नहीं होने से लोगों के डस्टबिनों में ही 600 टन कचरा एकत्र रह गया. अगर मंगलवार को भी हड़ताल नहीं समाप्त हुई, तो लोग मजबूरी में ही सही डस्टबिन में जमा इस कचरे को सड़क किनारे या खुले जगहों पर फेंकने को विवश हो जायेंगे.

टैंकर से जलापूर्ति भी रही बाधित

कर्मियों की हड़ताल के कारण सोमवार को निगम के टैंकर से जलापूर्ति का कार्य भी बाधित रहा. इस कारण निगम के 45 टैंकर बकरी बाजार स्टोर में ही खड़े रहे. पानी लेने के लिए जो भी व्यक्ति स्टोर आया, उससे कह दिया गया की सारे कर्मी हड़ताल में हैं. ऐसे में अभी टैंकर से जलापूर्ति बंद रहेगी.

क्या है कर्मचारियों की मांगे ?

1. पिछले 10 वर्षों से कार्यरत कर्मियों को एकमुश्त नियमित किया जाये.
2. सुपरवाइजर, जोनल सुपरवाइजर, ट्रांसपोर्ट सुपरवाइजर तथा कार्यालय सहायक के वेतन में तत्काल 30 प्रतिशत की वृद्धि की जाये.
3. जो भी कर्मी 10 साल से अधिक समय से निगम में कार्यरत हैं. ऐसे लोगों की लिस्ट तत्काल नगर विकास विभाग में भेजी जाये, ताकि इन्हें स्थायी किया जाये.
4. सुपरवाइजरों के परिवहन भत्ता को एक हजार से बढ़ाकर तीन हजार रुपये किया जाये और समान कार्य का समान वेतन दिया जाये.

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