साइबर क्राइम पर ब्रेक के लिए झारखंड-बिहार के 2.30 लाख मोबाइल नंबर बंद, दूरसंचार विभाग ने की ये बड़ी कार्रवाई

सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फेशियल रिकॉग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन का उपयोग करके सिम उपभोक्ताओं के चेहरे का विश्लेषण किया गया था. इसमें पाया गया कि चेहरा एक है, लेकिन नाम अलग-अलग का फर्जी आईडी बनाकर सिम लिया गया था.

By Prabhat Khabar News Desk | May 14, 2023 6:20 AM

रांची, राजेश कुमार: साइबर अपराध पर लगाम लगाने के मकसद से दूरसंचार विभाग (रांची और पटना) ने कड़ी कार्रवाई की है. विभाग ने फर्जी पहचान पत्रों के आधार पर लिये गये मोबाइल सिम को बंद कर दिया है. अप्रैल और मई 2023 में ही अब तक झारखंड और बिहार के 2.30 लाख से अधिक मोबाइल नंबरों को बंद किया जा चुका है. फर्जी पहचान पत्र पर सिम कार्ड लेने की जानकारी मिलने के बाद विभाग ने सर्विस प्रोवाइडर मोबाइल कंपनियों को कार्रवाई के लिए पत्र भेजा था.

दरअसल, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फेशियल रिकॉग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन का उपयोग करके सिम उपभोक्ताओं के चेहरे का विश्लेषण किया गया था. इसमें पाया गया कि चेहरा एक है, लेकिन नाम अलग-अलग का फर्जी आइडी बना कर सिम लिया गया था. एक व्यक्ति के पास 18 सिम कार्ड मिले हैं. ये सभी सिम कार्ड फर्जी पहचान प्रमाण पत्र के आधार पर लिये गये थे. इस व्यक्ति के पहचान प्रमाण में फोटो एक और नाम अलग-अलग था. झारखंड और बिहार के कुल सात करोड़ सिम ग्राहकों के चेहरे के डाटा का विश्लेषण किया गया. जबकि, देश भर में 87 करोड़ से अधिक सिम उपभोक्ताओं के चेहरे का विश्लेषण किया गया.

मामला पकड़ में आने के बाद दूरसंचार कंपनियों के निर्देश पर सर्विस प्रोवाइडर मोबाइल कंपनियों ने झारखंड-बिहार के कुल 2904 प्वाइंट ऑफ सेल्स को काली सूची में डाल दिया है. यह प्राथमिक जांच में सिम कार्ड जारी करते समय अनैतिक कार्यों में शामिल पाये गये हैं. सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने ऐसे ग्राहकों के साथ-साथ प्वाइंट ऑफ सेल्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.

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