सरकार जमीन देती, तो बनता एनएसजी का हब (आतंकवाद)
एनएसजी के अधिकारी चाहते थे झारखंड में बनेआरपी शर्मा ने अफसरों से मांगी थी जमीनराज्य पुलिस मुसाबनी में देना चाहती थी जमीनवरीय संवाददाता, रांची26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड (एनएसजी) का हब बनाने का फैसला लिया था. इस फैसले […]
एनएसजी के अधिकारी चाहते थे झारखंड में बनेआरपी शर्मा ने अफसरों से मांगी थी जमीनराज्य पुलिस मुसाबनी में देना चाहती थी जमीनवरीय संवाददाता, रांची26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड (एनएसजी) का हब बनाने का फैसला लिया था. इस फैसले के तहत मुंबई में एनएसजी का हब बनाया गया. आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए महाराष्ट्र पुलिस ने अलग से भी अपना फोर्स बनाया है. पूवार्ेत्तर राज्यों में कोलकाता में भी एक हब बनाया जा रहा है. कोलकाता में एनएसजी का हब बनाये जाने से पहले झारखंड पुलिस ने रांची में एनएसजी का हब बनाने का प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा था. यह घटना वर्ष 2009-10 की है. तब गृह मंत्रालय ने एनएसजी के अधिकारियों की एक टीम को रांची भेजा था. टीम में आरपी शर्मा शामिल थे. श्री शर्मा अभी भुवनेश्वर के पुलिस कमिश्नर हैं. एनएसजी की टीम ने यहां के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसके बाद झारखंड में एनएसजी का हब बनाने पर चर्चा हुई. पुलिस मुख्यालय के अधिकारी चाहते थे कि मुसाबनी में एनएसजी को जमीन दी जाये. एनएसजी के अधिकारियों की टीम ने तत्कालीन मुख्यमंत्री से मिल कर जमीन की मांग की थी, लेकिन बात नहीं बनी. सरकार एनएसजी के हब के लिए जमीन नहीं दे पायी. नतीजा यह निकला की एनएसजी का हब कोलकाता शिफ्ट हो गया. यदि रांची में एनएसजी का हब बनता, तो इसका फायदा झारखंड पुलिस को भी मिलता.