अमेरिका ने बनाया दिशा बदल लेनेवाला कारतूस

वाशिंगटन. अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने एक ऐसी गोली (कारतूस) का परीक्षण किया है, जो चलाये जाने के बाद अपनी दिशा बदल सकेगी. इसके खोखे में लगे ‘फिंस’ इस गोली को दिशा बदलने में मदद करेंगे और यह हवा की गति और टारगेट के हिलने के आधार पर दिशा बदलेगी. इस ‘एक्सट्रीम ऐक्युरसी टास्क्ड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2014 3:02 PM

वाशिंगटन. अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने एक ऐसी गोली (कारतूस) का परीक्षण किया है, जो चलाये जाने के बाद अपनी दिशा बदल सकेगी. इसके खोखे में लगे ‘फिंस’ इस गोली को दिशा बदलने में मदद करेंगे और यह हवा की गति और टारगेट के हिलने के आधार पर दिशा बदलेगी. इस ‘एक्सट्रीम ऐक्युरसी टास्क्ड ऑर्डिनैंस वेपन’ उर्फ एक्जैक्टो का निर्माण अमेरिका की कंपनी टेलिटाइन टेक्नॉलजीज ने किया है. यह कंपनी अमेरिकी सरकार की मिलट्री रिसर्च एजेंसी डार्पा के लिए यह गोली बना रही है. यह खबर ‘इंडिपेंडेंट न्यूज’ अखबार में छापी गयी है.कंपनी द्वारा बनाये गये वीडियो में गोली को दो बार जानबूझ कर निशाने से दूर फायर किये जाते दिखाया गया है. दूसरी बार यह गोली घूम कर टारगेट पर जा लगती है. कंपनी ने बुलेट के काम करने के तरीके के बारे में डीटेल्स नहीं जाहिर की हैं, लेकिन गोली के खोखे में फिंस दिखते हैं जो इसे दिशा देते हैं. गोली चलाने वाला स्नाइपर टारगेट पर लेजर डालता है, गोली इसी लेजर का पीछा करते हुए निशाना साधती है. इस गोली से निशाना लगाने वालों को हवा, मौसम, बुलेट की गति के कमी और टारगेट के हिलने जैसे कई फैक्टर्स की चिंता नहीं करनी होगी. इससे अधिक दूर से निशाना लगाना संभव होगा. किसी स्नाइपर राइफल से निशाना लगाने का सबसे अधिक दूरी का रेकॉर्ड 8120 फीट का है. इसे अफगानिस्तान युद्ध के दौरान ब्रिटिश सैनिक क्र ेग हैरीसन ने बनाया था.

Next Article

Exit mobile version