कमला दास की कविताएं अब संग्रह के रुप में

नयी दिल्ली. देश की सबसे विवादास्पद कवयित्रियों में से एक दिवंगत कमला दास की कविताओं के संग्रह में उनकी कुछ अप्रकाशित कविताएं भी सम्मिलित की गयी हैं. ‘सेलेक्टेड पोयम्स’ का संपादन शिक्षाविद-लेखक देवेंद्र कोहली ने किया है. इसमें दास की कविताओं की मौलिकता बरकरार रखी गयी है. दास की अधिकतर कविताएं अंगरेजी भाषा में ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2014 5:02 PM

नयी दिल्ली. देश की सबसे विवादास्पद कवयित्रियों में से एक दिवंगत कमला दास की कविताओं के संग्रह में उनकी कुछ अप्रकाशित कविताएं भी सम्मिलित की गयी हैं. ‘सेलेक्टेड पोयम्स’ का संपादन शिक्षाविद-लेखक देवेंद्र कोहली ने किया है. इसमें दास की कविताओं की मौलिकता बरकरार रखी गयी है. दास की अधिकतर कविताएं अंगरेजी भाषा में ही हैं. वह भारत की पहली उन लेखिकाओं में से एक हैं, जिन्होंने अपने लेखन में सेक्स को विषय बनाया. उनकी 1976 में आयी आत्मकथा ‘माइ स्टोरी’ यौनिकता से रु-ब-रु होने के उनके अपने अनुभवों का एक संग्रह था. इस पुस्तक का 15 से अधिक भाषाओं में अनुवाद हुआ. उनके इस बेबाक लेखन ने अक्सर रूढि़वादी पाठकों को असहज किया. इस संकलन का प्रकाशन पेंग्विन बुक्स इंडिया ने किया है, जो छह खंडों ‘समर इन कलकत्ता’ (1965), ‘द डिसेंडेंट्स’ (1967), ‘द ओल्ड प्लेहाउस एंड अदर पोयम्स’ (1973), ‘कलेक्टेड पोयम्स-1’ (1984), ‘ऑनली द सोल नोज हाउ टू सिंग : सिलेक्शन्स फ्रॉम कमला दास’ (1996) और ‘एंकाउंटरिंग कमला’ (2007) के असंकलित और अप्रकाशित कविताओं पर आधारित है.

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