क्यों सजाते हैं क्रिसमस ट्री ….ओके

फोटो 3खूंटी. 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है. माना जाता है कि जर्मनी में सातवीं शताब्दी के मध्य में क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा शुरू हुई थी. इसकी शुरुआत करनेवाले थे, बौनोफेस्टिया नामक एक अंगरेज. ईसा मसीह के प्रेटने नामक एक अनुयायी ने अपनी 71 वर्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2014 4:03 PM

फोटो 3खूंटी. 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है. माना जाता है कि जर्मनी में सातवीं शताब्दी के मध्य में क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा शुरू हुई थी. इसकी शुरुआत करनेवाले थे, बौनोफेस्टिया नामक एक अंगरेज. ईसा मसीह के प्रेटने नामक एक अनुयायी ने अपनी 71 वर्ष की आयु में 14 हजार 123 वृक्षों को अपने हाथों से लगा कर अपने उद्देश्यों को पूरा किया. कहते हंै कि तब से आजतक क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा चली आ रही है. क्रिसमस ट्री सजाने की शुरुआत के पीछे एक और मान्यता भी है. माना जाता है कि 25 दिसंबर को जिस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था, उस दिन उनके माता-पिता के समक्ष देवी-देवताओं ने प्रकट होकर सदाबहार फर को सितारों से सजाया था.इसलिए विश्व के लगभग समस्त देशों में मसीही विश्वासियों द्वारा प्रतिवर्ष सदाबहार फार को क्रिसमस ट्री के प्रतीक के रूप में सजाया जाता है.

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