छात्रवृत्ति का 132 करोड़ रुपये बकाया

रांची : झारखंड में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान दो वर्षो से अधिक समय से लंबित है. इस मद में इस वर्ष (2014-15) बकाया भुगतान के लिए कुल 132 करोड़ रुपये की जरूरत है. जनजातीय उप योजना (टीएसपी) और (ओएसपी) के आठ से अधिक जिलों में बकाया राशि सबसे अधिक है. टीएसपी वाले जिले में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2014 5:31 AM
रांची : झारखंड में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान दो वर्षो से अधिक समय से लंबित है. इस मद में इस वर्ष (2014-15) बकाया भुगतान के लिए कुल 132 करोड़ रुपये की जरूरत है. जनजातीय उप योजना (टीएसपी) और (ओएसपी) के आठ से अधिक जिलों में बकाया राशि सबसे अधिक है.
टीएसपी वाले जिले में रांची, सरायकेला-खरसांवां और चाईबासा तथा ओएसपी वाले जिलो में हजारीबाग, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, कोडरमा में बकाया भुगतान के लिए 22.41 करोड़ रुपये चाहिए. कल्याण विभाग के अनुसार इन जिलों में अन्य पिछड़ी जाति के लाभुकों के लिए छात्रवृत्ति का बकाया बढ़ कर 111.97 करोड़ हो गया है. वहीं अनुसूचित जाति के लिए लंबित छात्रवृत्ति का बकाया 20 करोड़ रुपये से अधिक है.
इन जिलों में सिर्फ स्कॉलरशिप के लिए 30 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आवश्यकता है. अतिरिक्त आवंटन के बाद भी इन सभी जिलों में 10 करोड़ रुपये से अधिक की आवश्यकता पड़ेगी. सूत्रों का कहना है कि राज्य में पढ़ रहे दोनों संवर्गो के लाभुकों को भी सरकार की ओर से भुगतान नहीं किया गया है. अब तक जनजातीय कल्याण आयुक्त कार्यालय के मार्फत ही पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाता रहा है. अब सरकार ने सभी संबंधित जिलों के जिला कल्याण पदाधिकारियों को स्कॉलरशिप वितरण का कार्यभार सौंपा है. स्कॉलरशिप के तहत पाठय़क्रम शुल्क (अधिकतम 50 हजार रुपये) और रख-रखाव शुल्क (अधिकतम 20 हजार रुपये) का भुगतान किया जाता है. बकाया छात्रवृत्ति नहीं मिलने से पिछड़ी जाति के छात्रों को सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 2013-14 से ही इन्हें स्कॉलरशिप नहीं मिल रही है.

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