गंठबंधन से बेहतर होती स्थिति: झामुमो

रांची: जेएमएम, कांग्रेस एवं आरजेडी का गंठबंधन होता, तो स्थिति ज्यादा बेहतर होती. हम 50 सीटो पर समझौते के लिए तैयार थे, लेकिन कुछ कॉरपोरेट कांग्रेस नेताओं के कारण गंठबंधन नहीं हो सका. गिरिडीह संसदीय चुनाव से ही हमें पूरी स्थिति समझ में आयी गयी थी. संताल परगना में हमने 18 में से सात सीटे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2014 5:03 AM

रांची: जेएमएम, कांग्रेस एवं आरजेडी का गंठबंधन होता, तो स्थिति ज्यादा बेहतर होती. हम 50 सीटो पर समझौते के लिए तैयार थे, लेकिन कुछ कॉरपोरेट कांग्रेस नेताओं के कारण गंठबंधन नहीं हो सका. गिरिडीह संसदीय चुनाव से ही हमें पूरी स्थिति समझ में आयी गयी थी. संताल परगना में हमने 18 में से सात सीटे गंवा दिये हैं.

यह ईसाई एवं मुसलमान वोटर के खेमा बदलने से हुआ है. अधिकांश वोटर बीजेपी की ओर चले गये हैं. उक्त बातें मंगलवार को जेएमएम पार्टी कार्यालय में पत्रकार वार्ता में केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कही. उन्होंने बताया कि तीन बार मुख्यमंत्री रहे नेता भी हार गये हैं. जनता ने अहंकारी नेता को नाकार दिया है.

राजनीति नहीं, कॉरपोरेट चुनौती मिली

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव में हमें राजनैतिक नहीं, कॉरपोरेट चुनौती मिली. कॉरपोरेट समूह ने राजनीति को प्रभावित किया. हम विपक्ष में रह कर भी पूरी भूमिका निभायेंगे. स्वस्थ माहौल को बनाने का पूरा प्रयास करंेगे, जिससे आम जनता की समस्या दूर की जा सके. बीजेपी ने ट्राइबल एवं नॉन-ट्राइबल नेता के बजाय पीएम को प्रोजेक्ट किया है. ऐसे में यह बीजेपी ही बतायेगी कि वह किसे राज्य की सत्ता सौंपेगी.

सुप्रियों ने कहा: गुरु जी के मार्गदर्शन एवं हेमंत सोरेन के निर्देशन में हमने पूरी मेहनत की, लेकिन सफलता उस अनुरूप नहीं मिली. संताल सहित कई जगह हमें जनता ने पूरी तरह मौका नहीं दिया. बरहट में हम जरूर हारे, लेकिन बरहट में सिदो कान्हू की भूमि को विकास करने का मौका मिला है. कोई भी सैक्यूलर पार्टी अगर हमारे साथ आती है हम उसका स्वागत करेंगे. घाटशिला, ईचागढ़ एवं दुमका की सीट गंवाने का मलाल रहेगा.

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