लांचर व कारतूस जब्ती की जांच करेगी एनआइए
रांचीः रांची में ग्रेनेड लाउंचर व कारतूस की जब्ती की जांच नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) करेगी. गृह मंत्रालय नेनोंझारखंड सरकार को पत्र लिख कर दोमामलों से जुड़े दस्तावेजों की मांग की है. दोनों मामले वर्ष 2011 में अरगोड़ा व सदर थाना में दर्ज हैं. जुमार पुल पर हुई थी छापेमारीसदर थाना में दर्ज प्राथमिकी 146/2011, […]
रांचीः रांची में ग्रेनेड लाउंचर व कारतूस की जब्ती की जांच नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) करेगी. गृह मंत्रालय नेनोंझारखंड सरकार को पत्र लिख कर दोमामलों से जुड़े दस्तावेजों की मांग की है. दोनों मामले वर्ष 2011 में अरगोड़ा व सदर थाना में दर्ज हैं.
जुमार पुल पर हुई थी छापेमारी
सदर थाना में दर्ज प्राथमिकी 146/2011, नामकुम थाना के तत्कालीन प्रभारी सत्येंद्र सिंह के बयान पर दर्ज किया गया है. उन्होंने जुमार पुल के पास छापेमारी कर उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ के लिए लाये जा रहे ग्रेनेड लाउंचर को जब्त किया था. पुलिस ने उस एंबेसडर कार को भी जब्त किया था, जिससे ग्रेनेड लाउंचर लाया जा रहा था.
इस मामले में पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप व दिलीप कुमार सिंह नामक व्यक्ति को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. अरगोड़ा थाना में दर्ज मामले (393/2011)के मुताबिक तत्कालीन लालपुर थाना प्रभारी वेंकटेश प्रसाद ने कडरू में छापेमारी कर 200 से अधिक गोलियां बरामद की थी. इस सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में अजय कुमार पासवान को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.