धीमी रही एफएमसीजी क्षेत्र के कारोबार की रफ्तार

नयी दिल्ली. इस साल यानी 2014 मंे एफएमसीजी क्षेत्र के कारोबार की रफ्तार काफी धीमी रही. इन्हंे ‘फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स’ कंपनियां कहा जाता है. हालांकि, एफएमसीजी कंपनियांे के कार्यकारियांे या अधिकारियांे के स्तर पर काफी आवाजाही या गहमागहमी देखने को मिली. एफएमसीजी क्षेत्र के डायरेक्ट सेलिंग खंड के लिए यह साल ठहराव भरा रहा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2014 7:01 PM

नयी दिल्ली. इस साल यानी 2014 मंे एफएमसीजी क्षेत्र के कारोबार की रफ्तार काफी धीमी रही. इन्हंे ‘फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स’ कंपनियां कहा जाता है. हालांकि, एफएमसीजी कंपनियांे के कार्यकारियांे या अधिकारियांे के स्तर पर काफी आवाजाही या गहमागहमी देखने को मिली. एफएमसीजी क्षेत्र के डायरेक्ट सेलिंग खंड के लिए यह साल ठहराव भरा रहा. इस क्षेत्र की अग्रणी कंपनी एमवे इंडिया के प्रमुख को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद क्षेत्र मंे इस कारोबार के लिए एक स्पष्ट नियामकीय ढांचे की मांग उठी. इस साल कई एफएमसीजी कंपनियांे मंे शीर्ष स्तर पर बदलाव देखा गया. मुख्य रूप से हिंदुस्तान यूनिलीवर, मैरिको व ब्रिटानिया जैसी कंपनियांे मंे यह बदलाव देखने को मिला. इनमंे मुख्य रुप से वरुण बेरी ने बेकरी व डेयरी उत्पाद कंपनी ब्रिटानिया के प्रबंध निदेशक का कार्यभार संभाला.

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