कोई भी सरकार पेसा लागू कराने के प्रति ईमानदार नहीं

रांची: पेसा कानून की 18वीं वर्षगांठ पर आदिवासी सरना धर्म समाज की ओर से पेसा कानून लागू करने में राज्य सरकार की भूमिका विषय पर विचारगोष्ठी हुई. केंद्रीय धुमकुड़िया स्थल, करम टोली में हुई इस विचारगोष्ठी में संयोजक लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि अब तक की कोई भी सरकार पेसा लागू कराने के प्रति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2014 5:24 AM

रांची: पेसा कानून की 18वीं वर्षगांठ पर आदिवासी सरना धर्म समाज की ओर से पेसा कानून लागू करने में राज्य सरकार की भूमिका विषय पर विचारगोष्ठी हुई.

केंद्रीय धुमकुड़िया स्थल, करम टोली में हुई इस विचारगोष्ठी में संयोजक लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि अब तक की कोई भी सरकार पेसा लागू कराने के प्रति ईमानदार नहीं रही. पेसा कानून के तहत 22 विषयों पर ग्राम सभा व आदिवासी स्वशासी पंचायत को अधिकार दिया गया है.

पर झारखंड पंचायती राज अधिनियम 2001 में 15 विषयों पर राज्य सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 243 (ड) के उपखंड 4 (ख) का तथा पेसा अधिनियम 1996 की धारा तीन के नियमों का उल्लंघन किया है. सामान्य क्षेत्र के लिए बने झारखंड पंचायती राज अधिनियम 2001 को लागू कर दिया. यह पूरी तरह अनुसूचित क्षेत्र पांचवी अनुसूची इलाके के लोगों के साथ धोखा है. इस मौके पर जगलाल पाहन, सुनील टोप्पो, बहादुर पाहन, मोती कच्छप, दीपक हेमरोम, महेंद्र मुंडा, संतोष मुंडा व अन्य ने भी संबोधित किया.

Next Article

Exit mobile version