इस साल क्रिसमस में आंसू ही आंसू हैं : पोप फ्रांसिस
वेटिकन सिटी. पोप फ्रांसिस ने अपने क्रिसमस संदेश में निर्मम धार्मिक अत्याचार, हत्याओं और पश्चिम एशिया के देशों एवं नाइजीरिया में बंधक बनाये जाने की घटनाओं तथा बच्चों के खिलाफ हिंसा खत्म करने की अपील की है. पोप ने यूक्रेन, लीबिया और अन्य स्थानों पर संघर्ष की निंदा की तथा पिछले हफ्ते पाकिस्तान में स्कूली […]
वेटिकन सिटी. पोप फ्रांसिस ने अपने क्रिसमस संदेश में निर्मम धार्मिक अत्याचार, हत्याओं और पश्चिम एशिया के देशों एवं नाइजीरिया में बंधक बनाये जाने की घटनाओं तथा बच्चों के खिलाफ हिंसा खत्म करने की अपील की है. पोप ने यूक्रेन, लीबिया और अन्य स्थानों पर संघर्ष की निंदा की तथा पिछले हफ्ते पाकिस्तान में स्कूली बच्चों पर हुए घातक हमले का भी जिक्र किया. उन्होंने पश्चिम अफ्रीका में इबोला से हजारों लोगों केमरने पर भी शोक प्रकट किया. उन्होंने कहा, ‘सच में इस बार क्रिसमस में आंसू ही आंसू हैं.’ वह अपने दूसरे क्रिसमस संदेश के लिखित शब्दों से कुछ हटते हुए नजर आयें और कहा, ‘हिंसा से काफी संख्या में बच्चे हिंसा के शिकार हुए, उन्हें व्यापार और तस्करी का वस्तु बना दिया गया.’ उन्होंने पाकिस्तान में मारे गये बच्चों के परिवारों को सांत्वना देने का प्रभु ईश्वर से अनुरोध किया. पोप ने यूक्रेनवासियों से तनाव, घृणा और हिंसा से निकलने तथा भाईचारा एवं सुलह की नयी यात्रा पर चलने की अपील की. पोप ने कहा, ‘मैं उनसे (दुनिया के रखवाले) से इराक और सीरिया में हमारे भाई बहनांे पर ध्यान देने की अपील करता हूं, जो काफी समय से चल रहे संघर्ष का सामना कर रहे हैं.’ कहा कि क्षेत्र से और दुनिया से ऐसे काफी संख्या में विस्थापित, निर्वासित तथा शरणार्थी हैं, जिनमें वयस्क एवं बूढ़े शामिल हैं. उन्हांेने समूचे पश्चिम एशिया में शांति की अपील की और इस्राइली एवं फिलीस्तीनियों के बीच वार्ता की दिशा मंे कोशिश जारी रखने का आह्वान किया.