छात्रों को तरस रहे इंजीनियरिंग कॉलेज

रांची: देश भर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में विद्यार्थियों का टोटा हो गया है. खास कर निजी कॉलेजों में विद्यार्थियों की कमी देखी जा रही है. एसएमएस से विद्यार्थी पहले भी खोजे जाते थे, लेकिन इस वर्ष तो 12वीं पास व खास कर जेइइ-मेंस में शामिल विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों के पास अब तक औसतन 25 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2013 6:53 AM

रांची: देश भर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में विद्यार्थियों का टोटा हो गया है. खास कर निजी कॉलेजों में विद्यार्थियों की कमी देखी जा रही है. एसएमएस से विद्यार्थी पहले भी खोजे जाते थे, लेकिन इस वर्ष तो 12वीं पास व खास कर जेइइ-मेंस में शामिल विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों के पास अब तक औसतन 25 मैसेज आ चुके हैं. सेल्स गर्ल की तरह लड़कियां विद्यार्थियों अभिभावकों को कॉलेज का आकर्षक एडमिशन पैकेज बता रही हैं.

दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़, यूपी व उत्तर भारत के अन्य शहरों से ये कॉल-मैसेज आ रहे हैं. आंध्र, महाराष्ट्र व तमिलनाडु के हालात भी अच्छे नहीं हैं. देश के लगभग 3400 इंजीनियरिंग कॉलेजों में से 70 फीसदी इन्हीं राज्यों में हैं. इस बार ओड़िशा में भी चिंता है. यहां इंजीनियरिंग की कुल 40 हजार सीटें हैं. वहीं राज्य में 12वीं का परिणाम अच्छा नहीं हुआ है.

इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए जरूरी 50 फीसदी की अर्हता है. वहीं यह अर्हता पूरी करनेवाले वहां 28339 विद्यार्थी ही हैं. मीडिया में आयी खबरों के अनुसार बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ व पश्चिम बंगाल से आनेवाले विद्यार्थियों के बाद भी वहां 35 हजार से अधिक सीटें भर पाना मुश्किल है. अन्य स्टेट इंजीनियरिंग कॉलेजों की भी यही स्थिति है.

उधर, यूपी में गत एक वर्ष के दौरान इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट के 14 संस्थान बंद हो गये हैं. वर्ष 2013 की जेइइ-एडवांस की परीक्षा के बाद आइआइटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी पहले राउंड के बाद 769 सीटें खाली रह गयीं. दूसरे चरण की काउंसेलिंग से इन्हें भरा जा रहा है. गत वर्ष भी यही हालात थे. देश भर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में पहले वर्ष की करीब तीन लाख सीटें सीटें खाली रह गयी थीं.

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