रांची: जिलों में एसपी के पद पर पदस्थापित आइपीएस पुलिस सिस्टम को कमजोर कर रहे हैं. राज्य के विभिन्न जिलों में पदस्थापित 28 एसपी को साल में कम से कम एक बार 642 थाना, ओपी व पोस्ट का निरीक्षण करना है. पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के मुताबिक अप्रैल 2012 से मार्च 2013 के बीज सभी एसपी ने सिर्फ 241 थाना, ओपी या पोस्ट का ही निरीक्षण किया. उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक गुमला, सिमडेगा, गोड्डा व देवघर के एसपी ने एक भी थाने का निरीक्षण नहीं किया.
चतरा के एसपी ने सिर्फ दो पोस्ट का निरीक्षण किया. इसी तरह खूंटी व पाकुड़ के एसपी ने तीन-तीन और पलामू व गढ़वा के एसपी ने चार-चार थाने या ओपी का ही निरीक्षण किया. रिटायर पुलिस अधिकारी इसे गंभीर मानते हैं. कहते हैं : एसपी का थाने पर से नियंत्रण खत्म हो जायेगा. एसपी को थानेदार अपनी सुविधा के अनुसार जानकारी देंगे. और जब एसपी के पास जानकारी नहीं होगी, तो फोर्स में भी आक्रोश पनपेगा.
विभागीय कार्यवाही संभव
जिलों में निरीक्षण करनेवाले पदाधिकारियों में एसपी के अलावा एसडीपीओ और इंस्पेक्टर होते हैं. निरीक्षण नहीं करनेवाले अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने का भी प्रावधान है. इसमें सजा भी हो सकती है. एसपी की प्रोन्नति भी बाधित हो सकती है.