परिजनों की धोखाधड़ी का शिकार हो रही हैं लड़कियां

रांची : मैंने पिताजी से कहा था कि मुङो अभी शादी नहीं करनी है. हम पढ़ना चाहते हैं. पर पापा ने नहीं सुना. हमको खूब गुस्सा आया. मां से भी हमने गुहार लगायी, पर मां ने भी साथ नहीं दिया. यह कहना था साहेबगंज की रहनेवाली 14 वर्षीय सुरेखा (बदला हुआ नाम) का. सुरेखा के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2014 6:51 AM
रांची : मैंने पिताजी से कहा था कि मुङो अभी शादी नहीं करनी है. हम पढ़ना चाहते हैं. पर पापा ने नहीं सुना. हमको खूब गुस्सा आया. मां से भी हमने गुहार लगायी, पर मां ने भी साथ नहीं दिया. यह कहना था साहेबगंज की रहनेवाली 14 वर्षीय सुरेखा (बदला हुआ नाम) का.
सुरेखा के मन में अपनी मम्मी-पापा के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है. इतना कि वह अपने माता-पिता को जेल भेजवाना चाहती है. सुरेखा ने पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई की है. वह आगे पढ़ना चाहती थी, लेकिन मां-बाप ने उसकी मरजी के खिलाफ शादी तय कर दी. इसके बाद उसकी दीदी व जीजा उसे लेकर 22 अगस्त 2014 को पंजाब चले गये. पंजाब से उसे दिल्ली में एक कोठी में काम करने भेज दिया गया. सुरेखा को वहां सुबह से देर शाम तक काम करना पड़ता था.
उसे प्रताड़ित भी किया जाता था. जिस घर में वह काम कर रही थी एक दिन वहां बर्थडे पार्टी चल रही थी. पार्टी में एक व्यक्ति ने उसे देखा. सुरेखा ने उसे बताया कि उससे जबरन काम कराया जा रहा है. उस व्यक्ति ने इसकी जानकारी पुलिस को दी, जिसके बाद सुरेखा को मुक्त कराया गया. दिल्ली में बाल कल्याण समिति के समक्ष उसे पेश किया गया. कुछ दिनों तक वह एक संस्था में रुकी. अब वह रांची पहुंच गयी है. भविष्य की चिंता उसे सता रही है. वह कहती है मुङो अभी खूब पढ़ना है, ताकि भविष्य में अपने पैरों पर खड़ा हो सकें.

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