राज्य में आंगनबाड़ी कंद्रों की कमी : बलराम
राज्य के छह लाख बच्चे कुपोषण से पीडि़त – समेकित बाल विकास परियोजना पर ‘जोहार परियोजना’ का राज्यस्तरीय सम्मेलनसंवाददाता रांची समेकित बाल विकास परियोजना के संदर्भ में शनिवार को ‘जोहार परियोजना’ का राज्यस्तरीय सम्मेलन शनिवार को होटल ग्रीन होराइजन में हुआ. इसमें खाद्य सुरक्षा मामलों में सुप्रीम कोर्ट आयुक्त के राज्य सलाहकार बलराम ने कहा […]
राज्य के छह लाख बच्चे कुपोषण से पीडि़त – समेकित बाल विकास परियोजना पर ‘जोहार परियोजना’ का राज्यस्तरीय सम्मेलनसंवाददाता रांची समेकित बाल विकास परियोजना के संदर्भ में शनिवार को ‘जोहार परियोजना’ का राज्यस्तरीय सम्मेलन शनिवार को होटल ग्रीन होराइजन में हुआ. इसमें खाद्य सुरक्षा मामलों में सुप्रीम कोर्ट आयुक्त के राज्य सलाहकार बलराम ने कहा कि राज्य के छह लाख बच्चे कुपोषण से पीडि़त हैं. सरकार इस दिशा में समुचित प्रयास नहीं कर रही. आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या मात्र 38,800 है, जो काफी कम है. सरकार को और आंगनबाड़ी केंद्र खोलने व पोषाहार की स्थिति में सुधार करने की आवश्यकता है. आंगनबाड़ी भवनों के साथ- साथ वहां की मूलभूत सुविधाओं में भी सुधार होना चाहिए, ताकि लोगों को वहां से सेवाएं सुलभता से उपलब्ध हो सकें. इससे पूर्व सिन्सी रांची के निदेशक रंजन पांडा, झारखंड विकास परिषद की कार्यक्रम निदेशक सुवासिनी सोरेन व मुन्नी हेमरोम ने दीप जला कर कार्यक्रम का उदघाटन किया. परियोजना समन्वयक अमित नाग ने जोहार परियोजना की पृष्ठभूमि, संरचना व उद्देश्यों पर प्रकाश डाला. पॉलीना टुडू, विटी मरांडी, प्रेमलता किस्कू, लीलमुनी मुर्मू,मिरू लाल मुर्मू व प्रदीप हंसदा ने आइसीडीएस के तहत चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए भवन की कमी, शौचालय, चापानल, रसोईघर, केंद्र के समय पर न खुलने, किचनशेड व टीएचआर न होने से जुड़ी शिकायत की. जयप्रकाश शर्मा, मनोरंजन सिंह व अन्य ने भी विचार रखे. कार्यक्रम में संथाल परगना के चार जिलों के जन सूचना केंद्र प्रभारी, सामुदायिक कार्यकर्ता व ग्रामीण उपस्थित थे.