सरकार को हाउसिंग पॉलिसी बनाने का निर्देश
रांची: झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को आइएएस ऑफिसर्स को-ऑपरेटिव सोसाइटी को सरकारी जमीन आवंटित करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस एनएन तिवारी व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने सरकार के जवाब को देख कर कहा कि सरकार 13 वर्ष बाद भी हाउसिंग पॉलिसी नहीं बना पायी. 1962 के बाद आवास […]
रांची: झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को आइएएस ऑफिसर्स को-ऑपरेटिव सोसाइटी को सरकारी जमीन आवंटित करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस एनएन तिवारी व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने सरकार के जवाब को देख कर कहा कि सरकार 13 वर्ष बाद भी हाउसिंग पॉलिसी नहीं बना पायी.
1962 के बाद आवास बोर्ड को जमीन आवंटित नहीं की गयी है. खंडपीठ ने राज्य सरकार को हाउसिंग पॉलिसी बनाने का निर्देश दिया. कोर्ट ने पूछा कि शहर में आपके पास कहां-कहां और कितनी भूमि उपलब्ध है. सहकारी, निजी को-ऑपरेटिव सोसाइटी के साथ-साथ व्यक्तिगत रूप से उन्हें किस आधार पर जमीन उपलब्ध कराया जायेगा. लघु और दीर्घकालीन योजना का क्या प्रारूप होगा.
एक सितंबर तक राज्य सरकार को जवाब-दाखिल करने का निर्देश दिया गया. मामले की अगली सुनवाई तीन सितंबर को होगी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता मो सुहैल अनवर ने खंडपीठ को बताया कि हाउसिंग पॉलिसी नहीं बनायी गयी है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने अपनी बातें रखीं.
खंडपीठ को बताया कि शहर को विकसित करने के लिए पूर्व में सरकारी खर्च पर मुख्यमंत्री, मंत्री व अफसर सिंगापुर, थाइलैंड, इंगलैंड आदि देशों का दौरा कर चुके हैं, मगर शहर को विकसित करने का कोई काम नहीं किया. ज्ञात हो कि प्रार्थी विशाल कुमार ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि सरकार ने आइएएस ऑफिसर्स को-ऑपरेटिव सोसाइटी को कांके अंचल के सांगा मौजा में लगभग 72 एकड़ से अधिक भूमि कम कीमत पर आवंटित की है.