रांची: झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी झामुमो, कांग्रेस, राजद व निर्दलीयों की गंठबंधन सरकार को 18 जुलाई को विश्वास मत हासिल करना है. सुबह 10 बजे से सदन की कार्यवाही शुरू होगी. 52 घंटे ही बचे हैं. 43 विधायकों के समर्थन का दावा करनेवाले सत्ता पक्ष सदन में आसानी से विश्वास मत पाने की जुगत में है. पर उसके कुछ विधायकों के सदन में आने की कानूनी अड़चनें हैं.
वहीं प्रमुख विपक्षी दल भाजपा सदन में सरकार के दावे को विफल करने की रणनीति में जुटी है. विधानसभा अध्यक्ष सीपी सिंह के बने रहने से सत्ता पक्ष की परेशानी और बढ़ गयी है. विश्वास मत से पहले सरकार के अंदर प्रेशर पॉलिटिक्स भी जारी है. छोटे दल और निर्दलीय विधायक एकजुट होकर समर्थन के बदले कैबिनेट में हिस्सा मांग रहे हैं.
चार विधायकों को अनुमति
निर्दलीय विधायक चमरा लिंडा को डोमिसाइल मामले में बेल मिल गया है. एनोस एक्का व हरिनारायण राय को रांची आने की अनुमति मिल गयी है. जेल में बंद कांग्रेस विधायक सावना लकड़ा को लेकर राजेंद्र सिंह कहते हैं कि उनके सदन में आने में अड़चन नहीं है. वह अपील में भी गये हुए हैं.
सरेंडर कराने पर विचार
झामुमो के फरार विधायक नलिन सोरेन व सीता सोरेन को सरेंडर कराने पर विचार चल रहा है. हालांकि पार्टी का मानना है कि ये दोनों सदन से अनुपस्थित भी रहें, तो आंकड़ा 41 पहुंच ही जायेगा.