बंद खदान में घुसे मजदूर
भवनाथपुर (गढ़वा): सेल की आरएमडी भवनाथपुर तुलसीदामर खदान के तीन माह से बंद होने के कारण शनिवार को मजदूरों का सब्र टूट गया. बिना किसी की अनुमति के मजदूर खदान में घुस गये और पत्थर तोड़ने का काम शुरू कर दिया. मजदूरों ने पूर्व में ही चेतावनी दी थी कि यदि 26 दिसंबर तक काम […]
भवनाथपुर (गढ़वा): सेल की आरएमडी भवनाथपुर तुलसीदामर खदान के तीन माह से बंद होने के कारण शनिवार को मजदूरों का सब्र टूट गया. बिना किसी की अनुमति के मजदूर खदान में घुस गये और पत्थर तोड़ने का काम शुरू कर दिया. मजदूरों ने पूर्व में ही चेतावनी दी थी कि यदि 26 दिसंबर तक काम शुरू नहीं किया गया, तो वे खुद ही खदान चालू कर देंगे. तुलसीदामर खदान को सेल प्रबंधन ने तीन माह पहले लीज नवीकरण और पर्यावरण क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण बंद कर दिया है. 12 सितंबर से खदान में काम बंद है.
क्या कहते हैं मजदूर : शनिवार को सैकड़ों मजदूर खदान के पास पहुंचे. पूजा-अर्चना की और बिना किसी की अनुमति के काम शुरू कर दिया. मजदूरों ने कहा कि मामला पेट का है. परिवार के भरण-पोषण का है. इस कारण वे काम शुरू करने को मजबूर हैं. बताया कि मजदूर परीखा भुइंया की पत्नी देवती देवी महीनों से बीमार है. देवशरण राम का पैर टूट गया है. इन लोगों का सही उपचार पैसे की कमी के कारण नहीं हो पा रहा है. इसहाक अंसारी ने कहा कि हम मजदूरों के सामने करो या मरो की स्थिति है.
यूनियन ने समर्थन किया
एटक के जिलाध्यक्ष गणोश सिंह ने कहा कि मजदूर भूखे हैं. इस कारण खदान में चले गये हैं. सेल प्रबंधन मजदूरी का भुगतान करे. इंटक नेता प्रदीप कुमार चौबे ने भी मजदूरों के निर्णय को उचित करार दिया. कहा कि पत्थर के उठाव के लिए वह सेल प्रबंधन पर दबाव डालेंगे.
मजदूरों को खदान में जाने से नहीं रोक सकते. लेकिन हम पत्थर का उठाव भी नहीं करा सकते हैं, क्योंकि सरकार ने खदान को बंद करा दिया है. सरकार ही इस खदान को खोल सकती थी.
राजीव भार्गव
उप महाप्रबंधक, सेल आरमएमडी भवनाथपुर खदान समूह