रांची. अपर न्याययुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने चतरा के टंडवा में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन करने के मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव सहित 25 आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया. सभी 25 आरोपियों को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी किया है. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से एक भी गवाह पेश नहीं हुआ था. उल्लेखनीय है कि सीसीएल के आम्रपाली कोल परियोजना के विस्थापितों ने आंदोलन किया था. आंदोलन का नेतृत्वकर्ता पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव को बताया गया था. आंदोलन के दौरान पुलिस व आंदोलनकारियों के बीच कई बार टकराव व झड़प हुई थी. सरकारी काम में बाधा डालने, रंगदारी मांगने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित अन्य आरोप लगाते हुए कांड संख्या-90/2015 व 91/2015 के तहत टंडवा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. वहीं मामले के अनुसंधानकर्ता दारोगा गौरी शंकर तिवारी व सत्येंद्र कुमार सिंह पर भी साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा कर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी, जिसकी जांच का आदेश सीआइडी के तत्कालीन एडीजी अनिल पालटा ने दिया था. तत्कालीन चतरा एसपी के निर्देश पर मामले के अनुसंधानकर्ता दारोगा गौरी शंकर तिवारी व सत्येंद्र कुमार सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है