कांके व जुमार नदी में 25 एकड़ सरकारी जमीन का घोटाला, मुख्यमंत्री ने एसीबी से जांच का आदेश दिया

कांके व जुमार नदी में 25 एकड़ सरकारी जमीन का घोटाला

By Prabhat Khabar News Desk | December 9, 2020 5:55 AM

रांची : रांची जिले के कांके अंचल स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पीछे स्थित जुमार नदी और उसके आसपास के सरकारी जमीन घोटाले मामले में एसीबी को पीइ दर्ज कर जांच करने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंजूरी दे दी है. एसीबी को अधिकतम 45 दिनों के भीतर इस घोटाले की जांच कर प्रारंभिक रिपोर्ट देने को कहा गया है. सीएम ने सरकारी जमीन और जुमार नदी को अतिक्रमित करने तथा बेचने से संबंधित तैयारी में शामिल सरकारी पदाधिकारियों, कर्मचारियों और जमीन माफियाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

क्या है मामला :

मीडिया में यह बात आयी थी कि कांके लॉ कॉलेज से सटे रिंग रोड के किनारे करीब 25 एकड़ जमीन को प्लॉटिंग कर बेचने की तैयारी की जा रही है. साथ ही भू-माफिया द्वारा जुमार नदी के किनारे को मिट्टी डालकर भरने एवं जेसीबी से समतल करने का कार्य किया जा रहा है. यहां लगभग 20.59 एकड़ जमीन गैर मजरूआ प्रकृति की है, जिसमें 20.20 एकड़ भूमि खतियान में नदी के रूप में दर्ज है.

उपायुक्त ने एलआर डीसी से करायी जांच

रांची डीसी ने मामला सामने आने के बाद अपर समाहर्ता, भू-हदबंदी से इसकी जांच करायी. अपर समाहर्ता ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि यहां की कुछ खाता संख्या के अंतर्गत आने वाले कुछ प्लॉट बकास्त भूइहरी जमीन खतिहान में दर्ज हैं औऱ खाता संख्या 142 प्लॉट संख्या 2309 गैर मजरुआ मालिक प्रकृति की भूमि है, जो बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के लिए अर्जित है. साथ ही लगभग 20.59 एकड़ जमीन गैर मजरुआ मालिक प्रकृति की है. नदी के रूप में दर्ज 20.20 एकड़ जमीन के अंश भाग पर रिवर व्यू गार्डेन के प्रोपराइटर कमलेश कुमार द्वारा मिट्टी भरवाकर समतलीकरण का कार्य कराया जा रहा है.

कांके के अंचल अधिकारी की संलिप्तता

डीसी ने इस जांच रिपोर्ट को भू-राजस्व विभाग को सौंपा. डीसी ने लिखा है कि जमीन माफिया द्वारा सरकारी जमीन के अतिक्रमण में कांके अंचल के अंचल पदाधिकारी की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है. सरकारी जमीन का संरक्षण होने के बावजूद भी अंचल अधिकारी द्वारा सरकारी जमीन और नदी को भरने के मामले को नजरअंदाज करना कहीं न कहीं उनके शामिल होने को इंगित करता है. इतना ही नहीं, कांके अंचल अधिकारी द्वारा इस साल 10 नवंबर को ई-मेल के माध्यम से प्रतिबंधित भूमि की जो सूची उपलब्ध करायी गयी है, उसमें उपरोक्त सरकारी भूमि को प्रतिबंधित सूची में नहीं डाला गया है, जिसमें भू-माफियाओं द्वारा कब्जा किया जा रहा है.

अंचल अधिकारी को निलंबित करने की अनुशंसा

उपायुक्त ने रिपोर्ट के माध्यम से कांके के अंचल अधिकारी अनिल कुमार के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है. उन्होंने रिपोर्ट में लिखा है कि कांके अंचल अधिकारी से इस जमीन घोटाले के मामले में स्पष्टीकरण की मांग की गयी, लेकिन उनके द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया है. यह उनकी स्वेच्छाचारिता, अनुशासनहीनता और उच्च अधिकारी के आदेश की अवहेलना है. अतः कांके अंचल अधिकारी को निलंबित करते हुए उनकी सेवा कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग को वापस की जा सकती है. इसके बाद भू-राजस्व विभाग ने उपायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर एसीबी से जांच की अनुशंसा करते हुए संचिका मुख्यमंत्री के पास भेजी. सीएम ने एसीबी को जांच कर संलिप्त पदाधिकारी व जमीन दलालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

posted by : sameer oraon

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