रांची: रांची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, लातेहार, पलामू, गढ़वा समेत राज्य भर में सोमवार को लगभग 250 मेगावाट बिजली कम सप्लाई की गयी. सिकिदिरी हाइडल प्लांट में तकनीकी खामी आने से ऐसी नौबत आयी. प्लांट से लगभग 100 मेगावाट कम बिजली का उत्पादन हुआ. वहीं, सेंट्रल पूल से कम बिजली की खरीद होने के कारण भी परेशानी हुई.
कम बिजली मिलने के कारण रांची व आसपास में सोमवार शाम 5:30 बजे के बाद 180 मेगावाट ही बिजली सप्लाई की गयी. आम दिनों में 280 से 300 मेगावाट बिजली की खपत होती है. कम सप्लाई के कारण मेन रोड, अपर चुटिया, कृष्णापुरी, बहु बाजार, एयरपोर्ट रोड, हेतू बस्ती, रातू चट्टी, अरसंडे, सिंह मोड़, पुंदाग, पिस्का मोड़ और आइटीआइ से जुड़े मोहल्लों में सबसे ज्यादा लोड शेडिंग की गयी.
सिकिदरी हाइडल प्लांट के यूनिट नंबर-1 से शाम पांच बजे 23 मेगावाट और यूनिट-2 से 22.8 मेगावाट सप्लाई ही की गयी. इससे नामकुम ग्रिड को हटिया वन से 7.4 मेगावाट और हटिया-2 से महज 16 मेगावाट बिजली मिली. जेबीवीएनएल के एमडी अविनाश कुमार ने कहा कि सेंट्रल पूल से कोई विशेष कटौती नहीं हुई है. स्थिति नियंत्रण में है. जल्द ही आपूर्ति सामान्य हो जायेगी.
हटिया -1 ग्रिड को शाम 5:35 बजे के बाद 100 से 120 मेगावाट की जगह करीब 75 मेगावाट, नामकुम ग्रिड को शाम 5:34 बजे के बाद 90 से 100 मेगावाट की जगह करीब 65 मेगावाट और कांके ग्रिड को शाम 5:37 बजे के बाद 75 से 80 मेगावाट की जगह करीब 40 मेगावाट पर ही सप्लाई की गयी.
रांची के अपर बाजार क्षेत्र में मंगलवार से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू होगा. पायलट प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में एक हजार स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाये जायेंगे. राज्य के 3.50 लाख घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना है. रांची एरिया बोर्ड के जीएम पीके श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार से यह काम शुरू होगा. एक हजार मीटर की टेस्टिंग पूरी हो चुकी है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर सामान्य मीटर की तरह ही होता है, लेकिन इसमें चिप लगा होता है.
इसमें रियल टाइम बिजली की खपत बतायी जाती है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को मोबाइल की तरह ही मीटर को रिचार्ज कराना होगा. मीटर में बैलेंस खत्म होते ही बिजली आपूर्ति बंद हो जायेगी. फिर पुन: रिचार्ज कराते ही बिजली आपूर्ति चालू हो जायेगी. हालांकि, बैलेंस समाप्त होने के कुछ दिन पूर्व ही उपभोक्ताओं के मोबाइल में मैसेज आने लगेगा.