बैंक ने रांची विवि के पूर्व एफओ का घर कब्जा में लिया (असंपादित)

एक करोड़ 32 लाख रुपये के गबन के आरोपी हैं डॉ एसके प्रसादएक जून 2010 से पुलिस की नजर में फरार हैंमुख्य संवाददातारांची : रांची विवि के पूर्व एफओ (वित्त पदाधिकारी) एसके प्रसाद के दूसरे घर को अपने कब्जे में ले लिया है. इससे पूर्व भी बैंक ने डॉ प्रसाद के एक घर को कब्जा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2014 10:02 PM

एक करोड़ 32 लाख रुपये के गबन के आरोपी हैं डॉ एसके प्रसादएक जून 2010 से पुलिस की नजर में फरार हैंमुख्य संवाददातारांची : रांची विवि के पूर्व एफओ (वित्त पदाधिकारी) एसके प्रसाद के दूसरे घर को अपने कब्जे में ले लिया है. इससे पूर्व भी बैंक ने डॉ प्रसाद के एक घर को कब्जा में लिया है. बैंक ने लगभग छह लाख रुपये बैंक लोन नहीं चुकाने की स्थिति में घर को अपने कब्जे में ले लिया है. संबंधित बैंक ने इससे संबंधित नोटिस जारी कर दिया है. बताया जाता है कि डॉ प्रसाद को छह जुलाई 2012 को ही लोन से संबंधित नोटिस जारी किया था, लेकिन डॉ प्रसाद द्वारा इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इसके बाद ही बैंक ने आम लोगों के लिए सूचना जारी किया है कि उक्त संपत्ति के संबंध में अब कोई भी लेन-देन नहीं करें. उल्लेखनीय है कि विवि के पूर्व एफओ डॉ प्रसाद पर एक जून 2010 को एक करोड़ 31 लाख 98 हजार रुपये गबन करने का आरोप लगा है. इसके बाद विवि प्रशासन ने डॉ प्रसाद के खिलाफ स्थानीय कोतवाली थाना में धार 406, 420, 467, 468 व 120 बी के तहत मामला दर्ज किया था. हालांकि पिछले लगभग चार साल बीत गये, लेकिन पुलिस अभी तक डॉ प्रसाद को गिरफ्तार नहीं कर पायी है. डॉ प्रसाद का तीन बैंक में खाता था, गबन का मामला सामने आने पर विवि प्रशासन ने सभी खाता सील करा दिया था. डॉ प्रसाद ने दो बैंक से मकान के लिए लोन भी लिया था. लोन चुकता नहीं करने की स्थिति में बैंक ने नीलामी का नोटिस जारी कर दिया है. बताया जाता है कि विवि के दबाव में डॉ प्रसाद के घरवाले ने लगभग 20 लाख रुपये विवि में जमा भी कराया था. इस मामले में डॉ प्रसद के पुत्र की गिरफ्तारी भी हुई थी,जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया.

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