मामूली अड़चनों के कारण नहीं मिल पा रही युवाओं को नौकरी, फंसी हैं एक लाख से अधिक नियुक्तियां

रांची: राज्य सरकार के विभिन्न सेवा-संवर्गो में एक लाख से अधिक नियुक्तियां मामूली अड़चनों के कारण लटकी हुई है.अधिकतर मामलों में नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है, पर काफी अरसे से इन पर अंतिम निर्णय नहीं हो पा रहा है. कई मामले जेपीएससी या कर्मचारी चयन आयोग के पास चले गये हैं, जिन पर फैसला नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2014 5:39 AM

रांची: राज्य सरकार के विभिन्न सेवा-संवर्गो में एक लाख से अधिक नियुक्तियां मामूली अड़चनों के कारण लटकी हुई है.अधिकतर मामलों में नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है, पर काफी अरसे से इन पर अंतिम निर्णय नहीं हो पा रहा है. कई मामले जेपीएससी या कर्मचारी चयन आयोग के पास चले गये हैं, जिन पर फैसला नहीं हो पा रहा है.

नियुक्ति प्रक्रिया पर निर्णय लेने की दिशा में तेजी नहीं दिखायी जा रही है. इनकी गति काफी धीमी है. इसका असर राज्य के सरकारी तंत्र पर पड़ रहा है. कर्मियों की कमी के कारण सरकारी कार्यो का निबटारा समय पर नहीं हो पाता. संचिकाओं के निष्पादन से लेकर टेंडर निष्पादन, योजनाओं के क्रियान्वयन, राजस्व वसूली सहित जनता से जुड़े सारे काम लटके हुए हैं. विधि-व्यवस्था सुचारु रखने में भी परेशानी आ रही है.

स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है. कई स्कूल में पारा शिक्षकों के भरोसे पठन-पाठन चल रहा है. कहीं विद्यार्थी बहुत अधिक हैं, तो शिक्षक ही नहीं हैं. राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों से लेकर पुलिसकर्मियों, इंजीनियरों, सचिवालय सेवा के कर्मियों, डॉक्टर, पशुपालन डॉक्टर, व्याख्याता की कमी से पूरा तंत्र प्रभावित हो रहा है.

रसीद काटने के लिए भी नहीं है कर्मी

राज्य के अंचल कार्यालयों में लगान देने वालों की लंबी लाइन लगी रहती है. लगान लेनेवाले कर्मी के अभाव में रसीद कटवाना, दाखिल खारिज करवाना, जमीन मापी करवाना समय पर नहीं हो पाता.

किन पदों पर कितनी रिक्तियां
पदनाम कितनी रिक्तियां स्थिति
शिक्षक (प्रा/मा वि) 20000 मामला न्यायालय में
शिक्षक (उच्च/प्रोजेक्ट वि) 10000 अधियाचना कार्मिक में
पुलिसकर्मी 17500 सरकार ने आदेश दिया है
डॉक्टर 576 नियुक्ति प्रक्रियाधीन
लेरर/प्रोफेसर 900 रोस्टर क्लीयरेंस मे ंसंशोधन होना है
इंजीनियर (पथ आदि) 200 प्रक्रियाधीन
राप्रसे अफसर 277 मुख्य परीक्षा नहीं ली
सचिवालय संवर्ग 1150 चरणवार लेने का फैसला
रेंजर (वन विभाग) 60 मामला जेपीएससी के पास
पशुपालन डॉक्टर 115 मामला जेपीएससी के पास
तृतीय वर्गीय कर्मी 40000 प्रक्रियाधीन
चतुर्थ वर्गीय कर्मी 5000 विभिन्न स्तरों पर मामला लटका
अन्य पदों पर-तीन से चार हजार पद रिक्त हैं
नोट: तृतीय वर्गीय कर्मचारी में वन विभाग, सिंचाई विभाग, भू-राजस्व विभाग, पंचायत सेवक, अमीन, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, पीडब्ल्यूडी विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, कृषि विभाग सहित अन्य विभागों के कर्मी शामिल हैं.

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