बस दो मिनट .. कह कर खड़ी कर देते हैं गाड़ियां

रांची: शहर में फैली अव्यवस्था के लिए सरकार ओर प्रशासन को कोस कर हम अपने कर्तव्यों से मुक्त हो जाते हैं. आम जनता की धारणा है कि व्यवस्था सुचारु करना केवल सरकार की जिम्मेवारी है. पर, हम इसमें सहयोग नहीं करते. अक्सर यातायात नियमों की अवहेलना करते हैं और दोष दूसरों पर लगाते हैं. सड़कों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2013 5:50 AM

रांची: शहर में फैली अव्यवस्था के लिए सरकार ओर प्रशासन को कोस कर हम अपने कर्तव्यों से मुक्त हो जाते हैं. आम जनता की धारणा है कि व्यवस्था सुचारु करना केवल सरकार की जिम्मेवारी है. पर, हम इसमें सहयोग नहीं करते. अक्सर यातायात नियमों की अवहेलना करते हैं और दोष दूसरों पर लगाते हैं. सड़कों पर जाम के लिए प्रशासन पर बरसने वाले अपने वाहन पार्क करते समय नियमों को ताक पर रख देते हैं. हमारी गलतियां दूसरों के लिए परेशानी का सबब बनती है. हमारे आसपास ही इस बात के सैकड़ों उदाहरण मौजूद हैं. अगर व्यवस्था सुधारनी है, तो पहले हमें बदलना होगा. हम सुधरेंगे तभी शहर सुधरेगा.

..पार्किग में कौन लगायेगा गाड़ी!

शहर की सड़कों पर जाम लगाने में उन लोगों का बहुत बड़ा हाथ होता है, जो सड़कों के किनारे ही वाहन खड़े कर देते हैं. दुकान पर खरीदारी करनी हो या किसी से बात करनी हो, बेहिचक वाहन खड़े कर काम में मशगूल हो जाते हैं. पूछो तो बस एक जवाब मिलता है. दो मिनट की तो बात है. इतने में किसी का क्या बिगड़ जायेगा. यह दो मिनट 10 मिनट और घंटों में बदल जाता है. शहर में ऐसी विचारधारा वाले लोगों की संख्या बहुतायत है. ऐसे लोगों का मानना है कि पार्किग स्थल तक जाकर वाहन पार्किग की झंझट कौन ङोले. इस मानसिकता से परेशानी भी आम लोगों को ही ङोलनी पड़ती है. कुछ लोगों की अनदेखी का खामियाजा सभी को भुगतना पड़ता है. इसका उदाहरण शहर के मेन रोड, कचहरी रोड, किशोरी यादव चौक, लालपुर चौक, अलबर्ट एक्का चौक, सजर्ना चौक, कांटाटोली चौक सहित शहर की सभी प्रमुख सड़कों पर देखा जा सकता है. कई बार तो देखा जाता है कि एक वाहन के कारण पूरी सड़क जाम हो जाती है, और वाहन चालक इससे बेपरवाह होकर अपने काम में मशगूल रहता है. अगर इनके खिलाफ कार्रवाई की जाये, तो हाय तौबा मचाने लगते हैं. सूत्रों के अनुसार सड़क किनारे वाहन खड़े करने वालों की संख्या हजारों में होती है. जाने-अनजाने नियमों की अनदेखी करने वालों के कारण आम नागरिकों का बहुमूल्य समय नष्ट होता है.

क्या है नियम
ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी के अनुसार सड़क पर वाहनों को खड़ा करना अवैध है. नगर निगम द्वारा शहर में वाहन चालकों के लिए पार्किग स्थल का निर्माण किया गया है. यहां पांच रुपया देकर कोई भी अपने वाहन को एक-दो घंटे के लिए खड़ा कर सकता है. लोगों को मामूली शुल्क देना भी नागवार गुजरता है. पांच रुपया बचाने के लिए सड़क पर ही वाहन खड़ा कर देते हैं. सड़क पर वाहन के खड़े होने के कारण जाम लगना स्वाभाविक है.

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