अब कोल इंडिया की हड़ताल सफल करेंगे

रांची: चुनावी राजनीति से मुक्त होकर कोयला उद्योग के नेता अब कोल इंडिया के आंदोलन को सफल करने में लगे हैं. कोल इंडिया में मजदूरों के लिए राजनीति करनेवाले नेताओं ने झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़ा था. इसमें कई दिग्गज चुनाव हार गये हैं. इसमें इंटक के नेता राजेंद्र सिंह, एटक नेता रमेंद्र कुमार, इंटक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2014 5:20 AM

रांची: चुनावी राजनीति से मुक्त होकर कोयला उद्योग के नेता अब कोल इंडिया के आंदोलन को सफल करने में लगे हैं. कोल इंडिया में मजदूरों के लिए राजनीति करनेवाले नेताओं ने झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़ा था. इसमें कई दिग्गज चुनाव हार गये हैं. इसमें इंटक के नेता राजेंद्र सिंह, एटक नेता रमेंद्र कुमार, इंटक नेता (अभी भाजपा में) कुमार महेश सिंह आदि भी शामिल हैं. छह से 10 जनवरी तक कोल इंडिया ने हड़ताल करने की घोषणा की है. रमेंद्र कुमार एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. आंदोलन को सफल करने के लिए वह लगे हुए हैं.

चुनावी राजनीति समाप्त होते ही वह मजदूर आंदोलन में लग गये हैं. कई स्थानों पर उन्होंने सभा भी की है. इंटक नेता राजेंद्र सिंह मजदूर आंदोलन के दिग्गज रहे हैं. उनके निर्देशन में ही आंदोलन का संचालन होता रहा है. वह आंदोलन को सफल करने के लिए प्रयासरत हैं. कुमार महेश सिंह ने मांडू से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था. पहले वह कांग्रेस में थे. इंटक से जुड़े हुए थे. इंटक कांग्रेस की मजदूर यूनियन है. इस कारण आंदोलन के मोरचे पर श्री सिंह अभी बहुत अधिक सक्रिय नहीं हैं.

पांच दिनों की हड़ताल

कोल इंडिया में सीटू को छोड़ अन्य यूनियनों ने पांच दिनों के हड़ताल की घोषणा की है. इसमें कोल माइंस (स्पेशल प्रोविजन) ऑर्डिनेंस-14, कोल इंडिया के विनिवेश के प्रस्ताव सहित अन्य मुद्दे शामिल हैं. सीटू आंदोलन को समर्थन कर रहा है. सीटू ने अलग से 13 जनवरी को हड़ताल करने की नोटिस दी है.

एक को कोयला मंत्री संग बैठक

कोयला मंत्री ने एक जनवरी को मजदूर यूनियनों को बैठक के लिए बुलाया है. पहले दो जनवरी को बुलाया गया था. एक दिन पहले बैठक बुलाने की सूचना देने पर मजदूर यूनियनों ने नाराजगी जाहिर की है. एटक नेता लखन लाल महतो ने कहा कि मंत्री को मजदूरों की चिंता नहीं है.

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