इन्हें याद नहीं करना चाहते

2014 की ये घटनाएं वर्ष 2014 कई सुखद और दुखद यादों के साथ बीत रहा है. इस साल कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिसने झारखंड के लोगों को झकझोर दिया. हम यहां पांच बड़ी दुखद घटनाओं के अंश प्रकाशित कर रहे हैं. इस उम्मीद के साथ कि नये साल में ऐसे वीभत्स और दिल को दहला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2014 5:25 AM

2014 की ये घटनाएं

वर्ष 2014 कई सुखद और दुखद यादों के साथ बीत रहा है. इस साल कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिसने झारखंड के लोगों को झकझोर दिया. हम यहां पांच बड़ी दुखद घटनाओं के अंश प्रकाशित कर रहे हैं. इस उम्मीद के साथ कि नये साल में ऐसे वीभत्स और दिल को दहला देनेवाली घटनाएं न हों.

शहीद संकल्प के लिए रो पड़ी रांची

रांची. पांच दिसंबर की सुबह. आतंकी कश्मीर में उरी सैन्य शिविर सहित चार जगहों पर हमला करते हैं. उरी सेक्टर में हुए इस फिदाइन हमले में 11 जवानों के शहीद होने की खबर आती है. रांची के लोग अभी इस सदमे से उबरे भी नहीं थे कि सूचना मिलती है कि शहीद जवानों में सेना का लेफ्टिनेंट जनरल संकल्प शुक्ला भी शामिल हैं.

संकल्प रांची के रहनेवाले थे. बूटी मोड़ के निकट कृष्णा नगर में रहते थे. छह दिसंबर की रात उनका शव रांची लाया गया. शव के पहुंचते ही पूरी रांची उनके घर के पास उमड़ पड़ी. सभी लोगों की आंखें नम थी. सात दिसंबर को शहीद संकल्प के पार्थिव शरीर को दर्शन करने बूटी मोड़ से हरमू तक सड़क किनारे लोग उमड़ पड़े. हरमू स्थित मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया था. संकल्प की स्कूली शिक्षा आर्मी स्कूल में हुई थी. जेवियर कॉलेज में बी-कॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह सेना के पंजाब रेजिमेंट में नियुक्त हुए थे. 2003 में भी संकल्प शुक्ला को एक अभियान के दौरान गोली लगी थी. उनके पेट में एके-47 की गोली लगी थी. ऑपरेशन के बाद इसे निकाला गया था. उनके पेट में 40 टांके लगे थे.

आज भी सिहर उठते हैं गोड्डावासी

गोड्डा. 17 मई का वह मनहूस दिन याद कर गोड्डा के लोग आज भी सिहर उठते हैं. घटना पोड़ैयाहाट के भटौंधा गांव की है. बाराती बस के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से 17 लोगों की जानें चली गयी थी. बारात गोड्डा थाने के बढ़ौना गांव से हंसडीहा थाना क्षेत्र के बारीडीह गांव में गयी थी. शादी संपन्न होने के बाद बाराती वापस लौट रहे थे. इसी बीच भटौंधा गांव में बस दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. बस के अंदर काफी लोग थे. कुछ लोग छत पर भी बैठे थे. घटनास्थल पर ही सात बारातियों की मौत हो गयी. अस्पताल में 10 और बारातियों ने दम तोड़ दिया. गोड्डा जिले में यह अब तक का सबसे बड़ा हादसा था. हर कोई रो रहा था. चंद मिनटों में ही शादी की खुशी का माहौल मातम में बदल गया. आज भी लोग इस घटना को याद कर सिहर जाते हैं. इस दर्दनाक घटना के बाद पीड़ित परिवार के लोगों को आज तक कोई सरकारी सहायता नहीं मिल पायी.

पांच जवान सहित आठ मारे गये थे

दुमका. घटना दुमका जिले के शिकारीपाड़ा की है. 24 अप्रैल 2014 को अंतिम चरण के लोकसभा चुनाव संपन्न कराने के बाद जामकांदर (बूथ नंबर 100) और असना (बूथ नंबर 101 ) से मतदानकर्मी और सुरक्षाकर्मी वापस लौट रहे थे. इस दौरान पलासी और सरसाजोल के बीच नक्सलियों ने लैंड माइंस ब्लास्ट कर दिया. मतदानकर्मियों को लेकर लौट रही बस और मजिस्ट्रेट की गाड़ी को निशाना बनाया. पांच पुलिसकर्मी और तीन मतदानकर्मी मारे गये. इस नक्सली हमले में 11 लोग घायल हो गये थे. बस के परखचे उड़ गये. नक्सलियों ने पुलिसकर्मियों के हथियार और कारतूस लूट लिये थे. इस वारदात में इवीएम भी नष्ट हो गयी थी. इस कारण वहां पुनर्मतदान कराना पड़ा था. इस नक्सली वारदात में माओवादी संगठन की स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य प्रवीर दा के साथ 30 नक्सलियों को नामजद आरोपी बनाया गया था. हालांकि पुलिस ने नक्सली प्रवीर दा को गिरफ्तार करने में सफल रही. अन्य नक्सली अभी भी पकड़ से दूर हैं.

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