2.55 करोड़ गबन का मामला, बैंक के अधिकारी सहित आठ पर गबन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज, पुलिस की जांच शुरू

2.55 करोड़ रूपये गबन के मामले में बैंक के अधिकारी सहित आठ पर प्राथमिकी दर्ज

By Prabhat Khabar News Desk | January 23, 2021 2:14 PM

रांची : चुटिया थाना में शुक्रवार को इंडसइंड बैंक के अधिकारी सहित कंपनी के आठ लोगों के खिलाफ 2.55 करोड़ रुपये गबन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. प्राथमिकी न्यू हॉलेड कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (शिकायतकर्ता कंपनी) के लीगल एडवाइजर मिर्जा केसर इकबाल बेग की शिकायत के आधार पर दर्ज की गयी है. प्राथमिकी में इंडसइंड बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर उज्ज्वल प्रकाश, प्रबंध निदेशक और सीइओ सुमंत कथपालिया, जोनल हेड सौभिक मजूमदार व पार्थ धर को आरोपी बनाया गया है.

इसके अलावा मेसर्स एचटी इक्विपमेंट (आरोपी कंपनी) के निदेशक सुशील महतो, तरुण कुमार दीप, सावित्री देवी महतो और एकाउंटेंट अभय कुमार को भी आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने केस दर्ज कर अनुसंधान भी शुरू कर दिया है.

क्या है मामला :

आरोप है कि रांची स्थित आरोपी कंपनी की ओर से शिकायतकर्ता कंपनी के पास अधिकृत डीलर के लिए आवेदन दिया गया था. जिसके बाद कंपनी को डीलर के रूप में नियुक्त किया गया. आरोपी कंपनी द्वारा अपने कारोबार के लिए समय-समय पर शिकायतकर्ता कंपनी को बैंक गारंटी दी गयी थी. आरोपी कंपनी द्वारा शिकायतकर्ता कंपनी को सहयोगी कंपनी सीएनएच कैपिटल के पक्ष में 2.50 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जारी की गयी थी, जो 30 सितंबर 2020 तक के लिए मान्य थी. इसी बैंक गारंटी के आधार पर आरोपी कंपनी ने शिकायतकर्ता कंपनी से सामान खरीदे.

वहीं, 17 जनवरी 2020 को सीएनएच कंपनी से इंडसइंड बैंक को इमेल कर बताया कि बैंक गारंटी शिकायतकर्ता कंपनी के नाम पर जारी किया जाये. इसके बाद आरोपी कंपनी की ओर से इंडसइंड बैंक से शिकायतकर्ता कंपनी के पक्ष में 2.55 करोड़ की नयी बैंक गारंटी जारी करने का अनुरोध किया गया. इसके बाद शिकायतकर्ता कंपनी ने बैंक के उज्ज्वल प्रकाश को बैंक गारंटी कंपनी के गुरुग्राम हरियाणा स्थित ऑफिस में भेजने को कहा.

लेकिन बैंक गारंटी भेजने के संबंध में टाटमटोल करने पर कंपनी को संदेह होने लगा. इसके बाद शिकायतकर्ता कंपनी को आरोपी कंपनी और बैंक के अधिकारियों पर धोखाधड़ी का संदेह हुआ. हालांकि, इस मामले में रांची स्थित इंडसइंड बैंक के अधिकारियों से पक्ष लेने के लिए संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि सीनियर अधिकारी ही कुछ बता सकते हैं.

Posted By : Sameer Oraon

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