एजेंसियां, नयी दिल्लीचिकित्सकों के लिए चुनौती बनी कैंसर बीमारी पर फतह की तैयारी है. निकट भविष्य में बीमारी की संभावनाएं तक जांच की जद में होंगी. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने इस ओर क्र ांतिकारी कदम बढ़ाए हैं.’डीएनए चिप फॉर कैंसर’ प्रोजेक्ट को देश के टॉप चिकित्सा वैज्ञानिकों की टास्क फोर्स बनी है. साल 2016 के अंत तक चिप उपलब्ध होगी. इससे गला, अंडाशय, सर्वाइकल, स्तन समेत छह तरह के कैंसर का पता लगाना संभव होगा.डीएनए चिप फॉर कैंसरकैंसर देश की टॉप टेन किलर डिजीज में शामिल है. बीमारियों से होने वाली सात फीसदी मौत के पीछे कैंसर है. भाभा ऑटोमिक रिसर्च सेंटर की स्टडी के मुताबिक, 70 फीसदी मृतक 60 साल से कम रहे, इसमें 15 प्रतिशत बच्चे और युवा थे. तंबाकू के बढ़ते चलन को देख वर्ष 2025 में स्थिति और भयावह होगी. आइसीएमआर वैज्ञानिक ढंग से इसकी जांच और इलाज करेगा. इसके लिए ‘डीएनए चिप फॉर कैंसर’ की रूपरेखा तय हुई. यह वर्तमान में कैंसर जांच की रेडियोथैरेपी से ज्यादा सटीक और कारगर होगी.कीमोथैरेपी करना भी आसानलैब में वैज्ञानिक चिप के जरिये मनुष्य के जींस का डाइग्नोसिस कर कैंसर पर नेगेटिव और पॉजीटिव की रिपोर्ट देंगे. राष्ट्रीय जालमा कुष्ठ एवं अन्य माइकोबैक्टेरियल रोग संस्थान के स्थापना दिवस पर आगरा आये आइसीएमआर के जनरल डायरेक्टर डॉ विश्वमोहन कटौच ने यह खुलासा किया. उन्होंने बताया कि मुनष्य के डीएनए की जांच कर कैंसर को शुरू में ही पकड़ा जा सकेगा. इससे कीटाणु की ताकत का पता लगा डॉक्टरों के लिए कीमोथैरेपी करना भी आसान होगा.
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अब कैंसर को पहचानना हुआ आसान
एजेंसियां, नयी दिल्लीचिकित्सकों के लिए चुनौती बनी कैंसर बीमारी पर फतह की तैयारी है. निकट भविष्य में बीमारी की संभावनाएं तक जांच की जद में होंगी. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने इस ओर क्र ांतिकारी कदम बढ़ाए हैं.’डीएनए चिप फॉर कैंसर’ प्रोजेक्ट को देश के टॉप चिकित्सा वैज्ञानिकों की टास्क फोर्स बनी है. […]
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