77.68 करोड़ की लागत से होगा हरमू नदी का जीर्णोद्धार
दीपक रांची : राज्य सरकार ने 77.68 करोड़ की लागत से हरमू नदी का जीर्णोद्धार करने का निर्णय लिया है. यह राशि 13वें वित्त आयोग से ली जायेगी. इसके लिए सरकार ने योग्य कंपनियों से आवेदन भी मांगा है. झारखंड अरबन इंफ्रास्ट्रर डेवलपमेंट कारपोरेशन (जूइडको) की ओर से योजना की निगरानी की जा रही है. […]
दीपक
रांची : राज्य सरकार ने 77.68 करोड़ की लागत से हरमू नदी का जीर्णोद्धार करने का निर्णय लिया है. यह राशि 13वें वित्त आयोग से ली जायेगी. इसके लिए सरकार ने योग्य कंपनियों से आवेदन भी मांगा है. झारखंड अरबन इंफ्रास्ट्रर डेवलपमेंट कारपोरेशन (जूइडको) की ओर से योजना की निगरानी की जा रही है. राज्य की सर्वाधिक प्रदूषित नदी को 17.8 किलोमीटर तक सुंदर बनाया जायेगा.
नदी के कचरे को निकालने और वैज्ञानिक विधि से नदी में बारिश और आम दिनों के पानी के बहाव को नियंत्रित भी किया जायेगा. नदी के एक्वैटिक और आसपास के पर्यावरण को स्वच्छ करने की योजना भी सरकार की ओर से बनायी गयी है, ताकि नदी के पानी को प्रदूषित होने से बचाया जा सके. नदी में आनेवाले गंदे पानी के लिए सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाने का निर्णय लिया गया है. नदी किनारे आम सुविधाओं का विकास करते हुए पाथ वे का निर्माण भी किया जायेगा. कचरे का निष्पादन किया जायेगा.
नदी के उदगम स्थल से लेकर प्रत्येक 15 सौ मीटर तक की दूरी में पानी की जांच की व्यवस्था की जायेगी. यह जांच झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से की जायेगी. सिवरेज नेटवर्क भी बनाने का प्रस्ताव योजना में है. नदी तट पर लो कास्ट सैनिटेशन सुविधाएं विकसित की जायेंगी, जिसमें नहाने, कपड़ा धोने और शौचालय के लिए पानी का उपयोग करने की व्यवस्था होगी. इसके लिए शॉक पीट और अन्य सुविधाएं भी विकसित की जायेगी. नगर निगम क्षेत्र में 10 किलोमीटर से 20 किलोमीटर तक की दूरी पर लैंड फील भी किया जायेगा. नगर निगम की ओर से सामुदायिक कचरा पेटी भी लगायी जायेगी. पूरे तट पर छह सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाये जायेंगे, जिसकी क्षमता एक मिलियन लीटर प्रति दिन (एक एमएलडी) और 1.5 एमएलडी होगी.
फिलहाल नदी की है नारकीय स्थिति
वर्तमान में हरमू नदी की स्थिति नारकीय बनी हुई है. उदगम स्थल से लेकर कई जगहों पर नदी तट का अतिक्रमण कर कंक्रीट स्ट्रर बनाये गये हैं. रांची नगर निगम की ओर से नदी को अतिक्रमण मुक्त करने की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है. जिला प्रशासन की ओर से पूर्व में कई बार अतिक्रमण करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई करने की फौरी कार्रवाई की गयी है. नदी में गंदगी का अंबार लगा है. हिंदपीढ़ी और अन्य जगहों में भी भारी अतिक्रमण है.