मजहब के नाम पर जारी हिंसा के खिलाफ आगे आयें धर्मगुरु

एजेंसिया, अलीगढ़वेस्टइंडीज के एक प्रमुख इसलामी विद्वान ने दुनिया में धर्म को लेकर टकराव और झगड़े की बढ़ती घटनाओं पर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अगर यह खतरनाक सिलसिला जारी रहा, तो विश्व में मजहब के नाम पर विभिन्न वर्गों में युद्ध शुरू हो जायेंगे. इसे रोकने के लिए विभिन्न धर्मों के गुरुओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2015 5:02 PM

एजेंसिया, अलीगढ़वेस्टइंडीज के एक प्रमुख इसलामी विद्वान ने दुनिया में धर्म को लेकर टकराव और झगड़े की बढ़ती घटनाओं पर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अगर यह खतरनाक सिलसिला जारी रहा, तो विश्व में मजहब के नाम पर विभिन्न वर्गों में युद्ध शुरू हो जायेंगे. इसे रोकने के लिए विभिन्न धर्मों के गुरुओं को वैश्विक स्तर पर त्वरित कदम उठाते हुए आगे आना होगा. अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के सुन्नी धर्मशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित ‘धर्मों के बीच संवाद’ विषय पर आयोजित गोष्ठी में वेस्टइंडीज के दारुल उलूम त्रिनिदाद के अध्यक्ष मुफ्ती वसीम अहमद खां ने कहा, ‘सभी मजहब शांति का संदेश देते हैं लेकिन विडंबना यह है कि आज दुनिया में धर्म के नाम पर ही मासूम लोगों का खून बहाया जा रहा है. अगर यही सिलसिला जारी रहा, तो दुनिया में मजहब के नाम पर विभिन्न वर्गों में युद्ध शुरू हो जायेंगे.’ कहा कि धर्म की आड़ में समुदायों के बीच युद्ध के कगार पर खड़ी दुनिया में अगर शांति स्थापित करनी है, तो विभिन्न धर्मों के गुरुओं को आगे आकर अमन के लिए बातचीत करनी होगी. धर्मगुरुओं को शामिल किये बिना स्थायी शांति स्थापित नहीं की जा सकती.’ एएमयू के कुलपति जमीरुद्दीन शाह ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि दुनिया में सभी मुसलमानों को अन्य धर्मावलम्बियों के बीच इसलाम को लेकर फैली गलतफहमियों को दूर करने की पहल करनी चाहिए. हिंसा के जरिये समाज की दिक्कतों का स्थायी समाधान कभी नहीं निकाला जा सकता. सुन्नी धर्मशास्त्र विभाग के अध्यक्ष मुफ्ती जाहिद अली ने कहा कि दुनिया में इसलाम के प्रति नफरत पैदा करने के लिए चलायी जा रही मुहिम को माकूल जवाब देने के लिए शांति की पहल समय की मांग है.

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