लगता है..खरोंच कर निकाल दी दोनों आंखें

रिम्स में भरती है गिरिडीह का पीड़ित कृष्णदेव, डॉक्टरों ने कहा रांची : तीर्थ करने अयोध्या गये गिरिडीह के बिरनी के झांझ निवासी कृष्णदेव प्रसाद वर्मा की आंखों को 28 दिसंबर को अप्रशिक्षित लोगों ने निकाली थी. रिम्स के नेत्र विभाग में इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ वीबी सिन्हा ने बताया कि आंखों को देखने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2015 7:07 AM
रिम्स में भरती है गिरिडीह का पीड़ित कृष्णदेव, डॉक्टरों ने कहा
रांची : तीर्थ करने अयोध्या गये गिरिडीह के बिरनी के झांझ निवासी कृष्णदेव प्रसाद वर्मा की आंखों को 28 दिसंबर को अप्रशिक्षित लोगों ने निकाली थी. रिम्स के नेत्र विभाग में इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ वीबी सिन्हा ने बताया कि आंखों को देखने से ऐसा लगता है कि आंख निकालने वाले लोग प्रशिक्षित नहीं थे, क्योंकि आंखें खरोंच कर निकाली गयी है.
कृष्णदेव की आंखों की रोशनी तो नहीं लौटाई जा सकती है, लेकिन अन्य अंग प्रभावित नहीं हो, इसके लिए सोमवार को मेडिसिन एवं इएनटी विभाग के चिकित्सकों से सुझाव लिया जायेगा. गौरतलब है कि कृष्णदेव 25 दिसंबर को तीर्थ करने अयोध्या गया था. वहां उसके साथ यह घटना घटी थी. परिजन गंभीर अवस्था में उसे लेकर गांव पहुंचे थे. वहां बिरनी के चिकित्सकों ने कृष्णदेव को रिम्स रेफर कर दिया था. रिम्स के नेत्र विभाग के ए वन वार्ड के 3012 नंबर बेड पर भरती कृष्णदेव वर्मा की दोनों आंखों पर पट्टी बंधी हुई है.
रिम्स पहुंचे बगोदर विधायक, नौकरी की मांग
कृष्णदेव से मिलने बगोदर विधायक नागेंद्र महतो रविवार को रिम्स पहुंचे. वह दोपहर चार बजे रिम्स आये एवं परिजनों से पूरी घटना की जानकारी ली. चाचा नारायण वर्मा एवं छोटा भाई चंद्रदेव वर्मा ने विधायक को बताया कि अब तो कृष्णदेव कुछ नहीं कर सकता है. उसका परिवार कैसे चलेगा. विधायक ने कहा कि वह सोमवार को मुख्यमंत्री से मिलेंगे एवं उनसे आर्थिक मदद की मांग करेंगे. परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग करेंगे.
सीएम ने दिया एक लाख रुपये मुआवजे का आश्वासन
कृष्णदेव की आंखें निकाले जाने की घटना पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रवींद्र राय ने रोष व्यक्त किया है. श्री राय पीड़ित के परिजनों से मिले. उनकी पहल पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कृष्णदेव को मुआवजा के तौर पर एक लाख रुपये देने का आश्वासन दिया है. डॉ राय ने उत्तर प्रदेश सरकार से भी पीड़ित के लिए 10 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है.
देखने से लगता है कि आंख को निकालते समय गलत तरीके का प्रयोग किया गया है. ऐसा लगता है कि जैसे खरोच कर आंखें निकाल ली गयी. अप्रशिक्षित लोगों ने ऐसा किया है, जिन्हें मेडिकल साइंस का कोई ज्ञान नहीं है. सोमवार को मेडिसिन एवं इएनटी चिकित्सकों से सुझाव लिया जायेगा.
डॉ वीबी सिन्हा, नेत्र रोग विशेषज्ञ

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