डिफाल्टरों को धन जुटाने से रोकेगा सेबी
मुंबई. बाजार नियामक सेबी ने जानबूझ कर कर्ज नहीं चुकाने वालों से कड़ाई से निपटने के उपायों के तहत उन्हें पूंजी बाजार से धन जुटाने से रोकने का सोमवार को प्रस्ताव किया है. इसके साथ ही ऐसी इकाइयों द्वारा किसी सूचीबद्ध कंपनी का अधिग्रहण करने पर भी रोक लगाने का प्रस्ताव किया गया है. भारतीय […]
मुंबई. बाजार नियामक सेबी ने जानबूझ कर कर्ज नहीं चुकाने वालों से कड़ाई से निपटने के उपायों के तहत उन्हें पूंजी बाजार से धन जुटाने से रोकने का सोमवार को प्रस्ताव किया है. इसके साथ ही ऐसी इकाइयों द्वारा किसी सूचीबद्ध कंपनी का अधिग्रहण करने पर भी रोक लगाने का प्रस्ताव किया गया है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड द्वारा प्रस्तावित यह रोक उन सभी व्यक्तियों व कंपनियों पर लागू होगी, जिन्हें भारतीय रिजर्व बैंक ने जानबूझ कर चूककर्ता (विलफुल डिफॉल्टर) की श्रेणी में रखा है. सेबी के प्रस्ताव के तहत इस तरह की इकाइयां शेयर या ऋण बाजार से आइपीओ या एफपीओ यानी किसी भी तरीके से धन नहीं जुटा सकेंगी. सेबी के मसौदा नियमों के अनुसार, इसी तरह ‘जानबूझ कर चूककर्ता’ की श्रेणी में आनेवाली मौजूदा सूचीबद्ध कंपनियां या उनके प्रवर्तक, उस समूह की कंपनियां या उनके निदेशकों को किसी अन्य सूचीबद्ध कंपनी के अधिग्रहण की अनुमति नहीं होगी. सेबी ने इस बारे में 23 जनवरी तक सुझाव व राय मांगी है.