सास-ससुर की संपत्ति पर बहू का हक नहीं

दिल्ली की अदालत का आदेश एजेंसियां, नयी दिल्लीदिल्ली की अदालत ने एक महिला को ससुर के मकान में रहने का अधिकार देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि सास-ससुर की संपत्ति पर बहू का कोई हक नहीं है. निचली अदालत के आदेश को रद्द करते हुए एडिशनल सेशन जज पुलस्त्य प्रमाचला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2015 5:02 PM

दिल्ली की अदालत का आदेश एजेंसियां, नयी दिल्लीदिल्ली की अदालत ने एक महिला को ससुर के मकान में रहने का अधिकार देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि सास-ससुर की संपत्ति पर बहू का कोई हक नहीं है. निचली अदालत के आदेश को रद्द करते हुए एडिशनल सेशन जज पुलस्त्य प्रमाचला ने महिला के सास-ससुर की अपील स्वीकार कर ली. जज ने कहा कि बहू को सिर्फउसी संपत्ति का अधिकार है, जो उसके पति की है या जिसमें उसके पति का हिस्सा है. उन्होंने कहा, इस हकीकत को कोई झुठला नहीं सकता कि आवेदक (महिला) का पति खुद किराये पर अलग रहता है. ऐसे में महिला उसके साथ रहने के अधिकार का दावा कर सकती है. क्या था मामला दरअसल, घरेलू हिंसा के मामले में महिला कोर्ट ने सास-ससुर की संपत्ति को साझा मान कर आवेदक (महिला) को उसमें रहने का अधिकार दिया था. इस पर उसके सास-ससुर ने अपील की. उन्होंने बहू पर अत्याचार और दहेज प्रताड़ना के आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया कि संपत्ति पर बेटे का कोई हक नहीं है. अलग रहने से आरोप खत्म नहीं उधर, दिल्ली की ही एक अन्य कोर्ट ने दहेज प्रताड़ना की आरोपी महिला को राहत देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि बहू-बेटा अलग रहते थे. इस आधार पर सास पर से दहेज प्रताड़ना के आरोप नहीं हटाये जा सकते. बहू ने दिसंबर 2007 में पुलिस को बताया था कि उससे दहेज के तौर पर 10 लाख रु पये और कार मांगी गयी थी. जबकि महिला का दावा है कि बहू-बेटा अलग रहते थे. बहू 2009 से बेटे या परिवार के किसी सदस्य के साथ नहीं रहती. इसलिए आरोप नहीं बनते.

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