कैसे जाम मुक्त होगी राजधानी, सड़कों को बेच कर निगम ने बनाया स्टैंड

रांची: राजधानी को जाम मुक्त करने के लिए सरकार के आलाधिकारी प्रयासरत हैं. कभी डीजीपी ट्रैफिक सुधारने के लिए बैठक कर रहे हैं तो कभी डीआइजी सड़कों पर उतर कर चौक-चौराहों का जायजा ले रहे हैं. परंतु पुलिस के आलाधिकारियों के इस प्रयास पर नगर निगम की व्यवस्था पानी फेर रही है. वजह राजधानी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 7, 2015 5:42 AM
रांची: राजधानी को जाम मुक्त करने के लिए सरकार के आलाधिकारी प्रयासरत हैं. कभी डीजीपी ट्रैफिक सुधारने के लिए बैठक कर रहे हैं तो कभी डीआइजी सड़कों पर उतर कर चौक-चौराहों का जायजा ले रहे हैं. परंतु पुलिस के आलाधिकारियों के इस प्रयास पर नगर निगम की व्यवस्था पानी फेर रही है.

वजह राजधानी के जिन सड़कों को वाहन चलने के लिए बनाया गया था, उन सड़कों को नगर निगम ने कमाई का जरिया बना लिया है. कहीं पार्किग स्थल के नाम पर सड़क का टेंडर कर दिया गया, तो कहीं सड़क पर ही ऑटो पड़ाव बना दिये गये. निगम द्वारा टेंडर के माध्यम से सड़कों को ही पार्किग व पड़ाव बना दिये जाने से इन स्थलों पर वाहन खड़े होते हैं. वाहन चालक यहां शान से सवारी बैठाते हैं फिर चलते-बनते हैं. बीच सड़क पर इस तरह की पार्किग व पड़ाव बनाये जाने से अक्सर शहर में जाम की स्थिति बनी रहती है.

अवैध स्टैंडों पर मेहरबान पुलिस व निगम
शहर में कुछ ऑटो पड़ाव ऐसे भी हैं जिनका न तो निगम ने टेंडर निकाला है, न ही ये स्थल वाहन पड़ाव के रूप में चिह्न्ति हैं. फिर भी इन स्थलों में ऑटो चालक घंटों खड़े होते हैं. सवारियों को बैठाते हैं और चलते बनते हैं. अवैध रूप से ऑटो स्टैंड के रूप में कांटा टोली चौक शुमार है. यहां बूटी मोड़ जाने वाली सड़क के किनारे पर हर दम 50 के संख्या में ऑटो खड़े रहते हैं. सड़क पर ही ऑटो खड़े होने के कारण यहां चौक पर हमेशा जाम सी स्थिति बनी रहती है. कुछ यही स्थिति कडरू चौक का भी है. यहां भी चैंबर भवन के बाहर में हमेशा दो दर्जन से अधिक पेट्रोल ऑटो खड़े रहते हैं. इससे यहां जाम की स्थिति बनी रहती है. कुछ यही स्थिति रामगढ़ ट्रेकर स्टैंड के समीप भी है. यहां भी निगम का कोई स्टैंड ही नहीं है. फिर भी निगम ने इस स्थल का ठेका कर दिया है. नतीजा इस सड़क में चलने वाले वाहन चडरी स्थित चडरी तालाब के समीप खड़ा कर देते हैं.

Next Article

Exit mobile version