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बिशुनपुर में झांगुर गुट का कैंप ध्वस्त, हथियार जब्त

बिशुनपुर: बिशुनपुर थाना क्षेत्र के देवरागानी में लंबे समय से अपराधी संगठन झांगुर गुट के चल रहे कैंप को मंगलवार की रात पुलिस ने ध्वस्त कर दिया. गुफा में कैंप चल रहा था. पुलिस ने हथियार समेत अपराधियों के उपयोग के कई महत्वपूर्ण सामान बरामद किये हैं. सभी सामान बिशुनपुर थाना में रखे गये हैं. […]

बिशुनपुर: बिशुनपुर थाना क्षेत्र के देवरागानी में लंबे समय से अपराधी संगठन झांगुर गुट के चल रहे कैंप को मंगलवार की रात पुलिस ने ध्वस्त कर दिया. गुफा में कैंप चल रहा था. पुलिस ने हथियार समेत अपराधियों के उपयोग के कई महत्वपूर्ण सामान बरामद किये हैं. सभी सामान बिशुनपुर थाना में रखे गये हैं. पुलिस के पहुंचने की सूचना पर झांगुर गुट का सुप्रीमो रामदेव अपने दस्ते के साथ भाग निकला.

एसपी भीमसेन टुटी को गुप्त सूचना मिली थी कि देवरागानी गुफा में झांगुर गुट के अपराधी जमे हुए हैं. उन्होंने एएसपी पवन कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया. मंगलवार की शाम पुलिस देवरागानी गांव के लिए पैदल निकली. देर रात पुलिस गांव पहुंची. गुफा में जांच की तो वहां अपराधियों का कैंप मिला. पुलिस कैंप ध्वस्त कर रही थी, तभी रामदेव अपने दस्ते के साथ गुफा में जा रहा था. पुलिस के होने की सूचना पर वह भाग निकला. वहीं देर शाम डीआइजी प्रवीण सिंह पहुंचे और उन्होंने ऑपरेशन की समीक्षा की. गुमला में कैंप कर वह आगे की रणनीति बनाने में जुट गये.

कैंप से बरामद हथियार व सामान : एक बंदूक, दो मैगजीन, वरदी पैंट 15 पीस, वरदी शर्ट 16 पीस, एक बाइक, छह पीस जैकेट, पांच जोड़े जूते, गोली रखने के दस बैग, तीन तिरपाल, 40 कंबल, चार चटाई, पैंट पांच पीस, खाना बनाने का डेग, तेल रखने का एक जार, जिंस पैंट 19 पीस, शर्ट 25 पीस, आठ बैग, कुरसी व सोलर प्लेट

छापामारी की सूचना किसी ने पहुंचा दी थी रामदेव तक

अपराधी संगठन झांगुर गुट के खिलाफ पुलिस ने पहली बार कार्रवाई की. इस आपराधिक गुट के मुखिया का नाम रामदेव उरांव है. इस गुट पर 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. लेकिन गुमला पुलिस की तरफ से पहले कभी भी बड़ा अभियान नहीं चलाया गया.

मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती के निर्देश पर मंगलवार को झांगुर गुट के अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए झारखंड जगुआर (जेज) की टीम को गुमला भेजा गया था. अभियान को गोपनीय रखा गया था. अंतिम समय में गुमला पुलिस के अभियान के बारे में जानकारी दी गयी थी. इसके बाद भी सूचना लीक हो गयी और पुलिस के पहुंचने से पहले रामदेव उरांव अपने 14-15 सहयोगियों के साथ भाग निकलने में सफल रहा. सूत्रों के मुताबिक देवरागानी में जिस गुफा से झांगुर गुट के सामान बरामद किये गये हैं, वहां वह लंबे समय से रहता था. अपराध करने के बाद वह देवरागानी में ही छिपता था. इसकी जानकारी मिलने के बाद भी पुलिस कार्रवाई करने नहीं जाती थी.

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