नहीं रहे ‘बनाना बॉय’ बने शेखर बोरकर
कैप्शन : पहले बाल दिवस के स्टैंप में ‘बनाना बॉय’ बने थे शेखर बोरकरएजेंसियां, नयी दिल्ली’नेशनल ट्रस्ट ऑफ डिसएबिलिटीज के सदस्य शेखर बोरकर का संक्षिप्त बीमारी के बाद बुधवार की रात निधन हो गया. वह 65 साल के थे. नागर विमानन मंत्रालय द्वारा नियुक्त समिति की रिपोर्ट में सह लेखक के तौर पर बोरकर ने […]
कैप्शन : पहले बाल दिवस के स्टैंप में ‘बनाना बॉय’ बने थे शेखर बोरकरएजेंसियां, नयी दिल्ली’नेशनल ट्रस्ट ऑफ डिसएबिलिटीज के सदस्य शेखर बोरकर का संक्षिप्त बीमारी के बाद बुधवार की रात निधन हो गया. वह 65 साल के थे. नागर विमानन मंत्रालय द्वारा नियुक्त समिति की रिपोर्ट में सह लेखक के तौर पर बोरकर ने बहुत अच्छा काम किया था. इस अध्ययन का उद्देश्य निशक्त व्यक्तियों के लिए हवाई यात्रा करने के मौजूदा नियमों का अध्ययन करना था. वह ‘बनाना बॉय’ के तौर पर भी जाने जाते हैं. दरअसल, बोरकर 1957 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के जन्म दिन पर हुए पहले बाल दिवस के उपलक्ष्य में जारी किये गये भारतीय डाक टिकट पर एक बच्चे के तौर पर केला खाते नजर आये थे. उनके परिवार में उनके छोटे भाई सुहास बोरकर हैं जो मीडियाकर्मी और डॉक्यूमेंटरी फिल्म निर्माता हैं.