एक कमरे को लेकर दो पीजी विभागाध्यक्ष भिड़े

कमरे में लगा दोनों विभागों का तालामुख्य संवाददातारांची : रांची विवि अंतर्गत दो स्नातकोत्तर विभाग के अध्यक्ष कमरे को लेकर आपस में ही उलझ गये. असंसदीय भाषा तक का इस्तेमाल किया गया. इतना ही नहीं एक विभागाध्यक्ष अपने सहायक के माध्यम से तीन बेंच कमरे में ले जा कर कब्जा करने की कोशिश भी की. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2015 10:02 PM

कमरे में लगा दोनों विभागों का तालामुख्य संवाददातारांची : रांची विवि अंतर्गत दो स्नातकोत्तर विभाग के अध्यक्ष कमरे को लेकर आपस में ही उलझ गये. असंसदीय भाषा तक का इस्तेमाल किया गया. इतना ही नहीं एक विभागाध्यक्ष अपने सहायक के माध्यम से तीन बेंच कमरे में ले जा कर कब्जा करने की कोशिश भी की. फिलहाल इसकी जानकारी विवि के रजिस्ट्रार को दे दी गयी है. बताया जाता है कि स्नातकोत्तर उर्दू विभाग द्वारा रूम खाली किये जाने के बाद वर्ष 2013 में सिंडिकेट ने उक्त दो रूम को स्नातकोत्तर हिंदी विभाग को दिया. इस बीच विवि के सीसीडीसी ने भी उक्त रूम स्नातकोत्तर इतिहास विभाग को भी आवंटित कर दिया. अब इतिहास विभाग उक्त रूम में कब्जा लेना चाह रहा है. इसी क्रम में शुक्रवार को जब हिंदी विभागाध्यक्ष विभाग पहुंचे, तो देखा कि उक्त रूम का ताला खोल कर एक व्यक्ति बेंच अंदर ले जा रहा है. इस पर हिंदी विभागाध्यक्ष ने आपत्ति जतायी. उन्होंने कहा कि आप कौन हैं, इस पर उसने कहा कि वह इतिहास विभाग से आये हैं. हिंदी विभागाध्यक्ष ने कहा कि उनकी गैर मौजूदगी में हिंदी विभाग के रूम का ताला खोल कर कैसे इतिहास विभाग का बेंच अंदर ले जाया जा रहा है. थोड़ी देर में इतिहास विभागाध्यक्ष जब रूम के पास पहुंचे, तो वे हिंदी विभागाध्यक्ष से उलझ गये. उन्होंने कहा कि रूम पर कब्जा करने की अनुमति वीसी ने दी है. इस दौरान इतिहास विभागाध्यक्ष ने असंसदीय भाषा का भी प्रयोग किया और ताला लगा कर चले गये. इसकी जानकारी हिंदी विभागाध्यक्ष ने रजिस्ट्रार को दी. इसके बाद विवि के निर्देश पर उक्त रूम में हिंदी विभागाध्यक्ष ने भी अपना ताला लगा दिया. बहस सुन कर कई शोधार्थी भी वहां पहुंच गये. मालूम हो कि यूथ फेस्टिवल के कारण स्नातकोत्तर विभागों में 10 जनवरी तक पठन-पाठन बंद है.

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