पणजी. गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत परसीकर ने भ्रष्टाचार की नयी परिभाषा गढ़ी है. उन्होंने कहा कि घूस के तौर पर पैसों की मांग करना ही भ्रष्टाचार नहीं है. सरकारी कार्यालयों में काम कराने आये आवेदकों से चाय या लंच का बिल दिलाना भी उसका एक तरीका है. मुख्यमंत्री ने संपत्ति बंटवारे के लिए एकल खिड़की का उद्घाटन करने के मौके पर शनिवार को कहा, भ्रष्टाचार के मामले सिर्फरु पये-पैसों के लेन-देन तक ही सीमित नहीं हैं. बकौल सीएम कई बार समय पर काम कराने के एवज में अधिकारी आवेदकों को चाय या खाने का बिल देने के लिए कहता है. ये सब भ्रष्टाचार के ही रूप हैं. उन्होंने कहा कि कायदे से तो आमलोगों को अपना काम कराने के लिए हर बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने चाहिए. उन्हें आवेदन की स्थिति एसएमएस से मुहैया करानी चाहिए. इससे भ्रष्टाचार के मामलों में कमी आयेगी.
चाय या लंच की मांग भी है भ्रष्टाचार : परसीकर
पणजी. गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत परसीकर ने भ्रष्टाचार की नयी परिभाषा गढ़ी है. उन्होंने कहा कि घूस के तौर पर पैसों की मांग करना ही भ्रष्टाचार नहीं है. सरकारी कार्यालयों में काम कराने आये आवेदकों से चाय या लंच का बिल दिलाना भी उसका एक तरीका है. मुख्यमंत्री ने संपत्ति बंटवारे के लिए एकल खिड़की […]
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