नयी दिल्ली. रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा और सोने के भंडार को शामिल करते हुए नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) के आधार को व्यापक बनाये जाने के खिलाफ है. उसका मानना है कि इससे बैंकों के ऊपर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. बैंकों को अपनी कुल जमा का कुछ हिस्सा नकदी के रूप में रिजर्व बैंक के पास रखना होता है. फिलहाल, यह अनुपात चार प्रतिशत है. प्रोफेसर एरॉल डी’सोजा के एक अध्ययन में सोने के मौद्रीकरण का प्रस्ताव किया गया है, जिसके तहत सीआरआर के लिए आवश्यकता आरक्षित नकदी की आवश्यकता के 30 प्रतिशत तक विदेशी मुद्रा और सोने के भंडार को शामिल किया जा सकता है.
सीआरआर से नहीं जुड़ेंगे विदेशी मुद्रा व सोना
नयी दिल्ली. रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा और सोने के भंडार को शामिल करते हुए नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) के आधार को व्यापक बनाये जाने के खिलाफ है. उसका मानना है कि इससे बैंकों के ऊपर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. बैंकों को अपनी कुल जमा का कुछ हिस्सा नकदी के रूप में रिजर्व बैंक के पास रखना […]
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