संतमत का कोई नया मत नहीं

सत्संग के दौरान स्वामी हरिनंदन ने कहा संवाददाता, रांचीसंतमत का कोई नया मत नहीं होता है. यह आदिकाल से चला आ रहा है, जिसे सर्व धर्म समन्वय का मत कहा जाता है. संतमत सिखाता है कि ईश्वर एक है और उनकी प्राप्ति का मार्ग भी एक है. यह मार्ग बाहर नहीं है, अपितु अंदर है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2015 9:03 PM

सत्संग के दौरान स्वामी हरिनंदन ने कहा संवाददाता, रांचीसंतमत का कोई नया मत नहीं होता है. यह आदिकाल से चला आ रहा है, जिसे सर्व धर्म समन्वय का मत कहा जाता है. संतमत सिखाता है कि ईश्वर एक है और उनकी प्राप्ति का मार्ग भी एक है. यह मार्ग बाहर नहीं है, अपितु अंदर है. उक्त बातें मंगलवार को रांची जिला संतमत सत्संग समिति के तत्वावधान में पोद्दार स्मृति भवन में आयोजित दो दिवसीय सत्संग के समापन पर स्वामी हरिनंदन ने कही. उन्होंने कहा कि संतमत सिखाता है कि ईश्वर एक है और उसकी प्राप्ति का मार्ग भी एक है. ईश्वर की प्राप्ति का मार्ग बाहर का नहीं, बल्कि अंदर का है. सदगुरु वह रास्ता बताते हैं. कार्यक्रम के समापन पर समिति के अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद पोद्दार ने आयोजन की सफलता के लिए सभी भक्तों का आभार व्यक्त किया.

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