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पंचवर्षीय योजनाएं बंद कर सकती है सरकार

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने दिये संकेत एजेंसियां, नयी दिल्लीमोदी सरकार पंचवर्षीय योजनाएं बंद कर सकती है. इस बात के संकेत पुराने योजना आयोग के सलाहकारों के साथ नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या की पहली बैठक में मिले है. इकोनॉमिक्स टाइम्स के अनुसार, कुछ सलाहकारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2015 6:02 PM

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने दिये संकेत एजेंसियां, नयी दिल्लीमोदी सरकार पंचवर्षीय योजनाएं बंद कर सकती है. इस बात के संकेत पुराने योजना आयोग के सलाहकारों के साथ नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या की पहली बैठक में मिले है. इकोनॉमिक्स टाइम्स के अनुसार, कुछ सलाहकारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि उपाध्यक्ष का नजरिया यह है कि मार्केट बेस्ड इकॉनमी के लिए ऐसी योजनाओं की जरूरत नहीं है. बैठक में मौजूद रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोई भी सरकार ऐसी योजना से किनारा नहीं कर सकती है. हालांकि, अगर वे अपनी नीतियों के हिसाब से टारगेट सेट करते हैं, तो इसका मतलब है 12वीं पंचवर्षीय योजना को बंद करना. गौरतलब है कि मौजूदा 12वीं योजना (2012-17) का मिड-टर्म अप्रेजल अब तक की परंपरा के मुताबिक, दिसंबर 2014 तक हो जाना चाहिए था. हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी खुद पंचवर्षीय योजना के विचार की आलोचना कर चुके है. लिहाजा, उनकी सरकार ने इस योजना का मिड-टर्म रिव्यू नहीं किया. इसके अलावा, स्वच्छ भारत अभियान और सबके लिए आवास जैसी मोदी सरकार की समाज कल्याण योजनाओं की अपनी डेडलाइंस हैं, लिहाजा इससे भी संकेत मिलता है कि मौजूदा सरकार सरकार नये सिरे से टारगेट सेट करना चाहती है और वह पिछली सरकार की ओर से तैयार 12वीं योजना में तय लक्ष्यों के काम नहीं करेगी.

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