अभी नहीं बढ़ेंगी बिजली की दरें

बिजली बोर्ड का टैरिफ प्रस्ताव रद्द रांची : झारखंड में बिजली की दरें फिलहाल नहीं बढ़ेंगी. राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एनएन तिवारी व सदस्य एसके वर्मा ने बिजली बोर्ड के टैरिफ प्रस्ताव को रद्द कर दिया है. साथ ही, बिजली बोर्ड के बंटवारे के बाद बनी झारखंड ऊर्जा विकास निगम कंपनी को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2015 6:19 AM
बिजली बोर्ड का टैरिफ प्रस्ताव रद्द
रांची : झारखंड में बिजली की दरें फिलहाल नहीं बढ़ेंगी. राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एनएन तिवारी व सदस्य एसके वर्मा ने बिजली बोर्ड के टैरिफ प्रस्ताव को रद्द कर दिया है.
साथ ही, बिजली बोर्ड के बंटवारे के बाद बनी झारखंड ऊर्जा विकास निगम कंपनी को फरवरी तक अलग से प्रस्ताव देने का आदेश दिया है. निगम की ओर से निर्धारित समय तक प्रस्ताव नहीं दिये जाने पर आयोग खुद ही टैरिफ का निर्धारण करेगा.
दिसंबर 2012 का था प्रस्ताव : दिसंबर 2012 में तत्कालीन झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड (जेएसइबी) ने वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था.
बिजली की दर में करीब 30 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव था. उस दौरान नियामक आयोग में अध्यक्ष नहीं होने की वजह से इस पर निर्णय नहीं हो सका था. इसके बाद जनवरी 2014 में जेएसइबी का बंटवारा कर चार अलग-अलग कंपनियां बना दी गयी.
इन कंपनियों ने अलग से टैरिफ प्रस्ताव न देकर उसी प्रस्ताव पर आदेश देने का आग्रह नियामक आयोग से किया था.
दर्ज करायी गयी थी आपत्ति : नियामक आयोग में झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (जेसिया) के शरद पोद्दार ने आपत्ति जतायी थी. आयोग में याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई के दौरान अक्तूबर 2014 में ही आयोग ने टैरिफ पर स्थगन आदेश जारी किया था. फिर ऊर्जा विकास निगम को पक्ष रखने का मौका दिया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद 15 जनवरी 2015 को आयोग ने टैरिफ प्रस्ताव को रद्द करने का आदेश दिया.
जनता को कुछ दिनों के लिए राहत मिल गयी है. महंगाई के बोझ से दबी जनता अब टैरिफ का भार सहने के मूड में नहीं है. इसके लिए जेसिया के सदस्यों व आयोग के प्रति आभार.
– शरद पोद्दार (याचिकाकर्ता), जेसिया
नियामक आयोग ने जारी किया आदेश
– झारखंड ऊर्जा विकास निगम को फरवरी तक अलग से प्रस्ताव देने को कहा
– तय समय पर प्रस्ताव नहीं मिलने पर खुद टैरिफ बनायेगा आयोग
आयोग का तर्क : अब जेएसइबी नहीं है. वित्तीय वर्ष भी समाप्त हो गया है. अत: अब ऊर्जा विकास निगम को नये वित्तीय वर्ष के लिए नया टैरिफ प्रस्ताव दाखिल करना चाहिए.

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